Home ललितपुर लोक अपवाद के कारण कभी धर्म को नही छोड़ना चाहिए – आर्यिका...

लोक अपवाद के कारण कभी धर्म को नही छोड़ना चाहिए – आर्यिका श्री सृष्टि भूषण माताजी

92
0

ललितपुर(विश्व परिवार) | आचार्य शांतिसागर जी छानी परंपरा के आचार्य श्री सुमति सागर जी एवं विद्याभूषण आचार्य सन्मतिसागर जी महाराज की परम प्रभाविका वात्सल्यमूर्ति गणनी आर्यिका श्री सृष्टि भूषण माता जी एवं आर्यिकाश्री विश्वयशमति माता जी ललितपुर में विराजित है। आज का मानव चांद पर जाने की बात करता है किंतु इस धरती पर रहकर भाई को भाई नहीं मानता समाज में भी जलन और द्वेष की भावना रखता है तो सचमुच वह मनुष्य अभागा हैं यह धार्मिक प्रवचन आर्यिका श्री सृष्टि भूषण माताजी ने धर्म सभा में प्रगट किए ।शिखा दीदी अनुसार माताजी ने बताया कि मंदिर में जाकर भगवान के सामने प्रार्थना करते हैं तुमसे लागी लगन ले लो अपनी शरण पारस प्यारा मेटो मेटो जन्म मरण हमारा। तुम बिन में व्याकुल भयों जैसे जल बिन मीन ,जन्म जरा मेरी हरो करो मोहि स्वाधीन ।पतित बहुत पावन किए । इस प्रकार भगवान के समक्ष प्रार्थना स्तुति करता है एक मुट्ठी चांवल चढ़ाकर अनेक फरमाइश करता है भगवान आना चाहे तो भी ह्रदय में नहीं आ सकता क्योंकि तुमने दिल मोह कषाय राग आदि कर्म रूपी ताले से बंद कर रखा है जब तक यह दूर नहीं होगे तब तक भगवान भला नही कर सकता। 84 लाख भवो में घूमने के बाद भी देश विदेश घूमने की इच्छा समाप्त नही हुई। श्री राम प्रभु सीता माता और धोबी के कथानक के माध्यम से माताजी ने उपदेश में बताया कि सीता माता ने श्री राम प्रभु को संदेश भेजा कि लोक अपवाद के कारण मुझ गर्भवती को जंगल में छुड़वा रहे हो किंतु लोक अपवाद के कारण सच्चे धर्म को मत छोड़ना। इस लिए देश विदेश के बजाय स्वदेश अर्थात खुद के देश आत्मा में रहने का प्रयास करो क्योंकि धर्म से भागने का नहीं वरन धर्म में जागने का पुण्य अवसर मिला हैं । पार्श्वनाथ दिगंबर अटा मंदिर पंचायत के तत्वाधान में आर्यिका संघ के सानिध्य में श्रुत पंचमी पर्व उत्साह और श्रद्धा भक्ति पूर्वक जिनवाणी माता की पूजन की जावेगी |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here