नई दिल्ली(विश्व परिवार) | विश्व भर में आज 10वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। भारत में भी इसे लेकर खासा उत्साह दिखाई दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस मौके पर श्रीनगर पहुंचे। बारिश के कारण उनके कार्यक्रम में थोड़ी देरी हुई। पीएम मोदी ने इस मौके पर 101 वर्षीय फ्रांसीसी महिला चार्लोट चोपिन का जिक्र किया। चार्लोट ने 50 साल की उम्र में योग सीखा और इसके बाद अपना पूरा जीवन इसी को समर्पित कर दिया है। हाल भी में भारत सरकार की ओर से उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। इनका भारत के क्या कनेक्शन है और पीएम मोदी ने इनका जिक्र क्यों किया है?
कौन हैं चार्लोट चोपिन?
101 साल की चार्लोट चोपिन मूल रूप से फ्रांस की रहने वाली हैं। पेशे से वह योगा टीचर हैं। एक कार्यकारी सचिव के तौर पर रिटायर होने वाली चार्लोट का जन्म जर्मनी में हुआ था। अपने काम के दिनों में वो अफ्रीका और कैमरून में भी रहीं। अब से करीब 50 साल पहले जब वह 50 साल की थीं तब उन्होंने एक दोस्त की सलाह पर योगा शुरू किया। बस तब से वो लगातार योगा कर भी रही हैं और करवा भी रही हैं। फ्रांस में वह योगा को लेकर काफी चर्चित हैं।
पीएम मोदी ने की थी मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी चार्लोट से इतने प्रभावित हुई कि मन की बात में उनका जिक्र किया था। इसके बाद जब वह फ्रांस की यात्रा पर गए तब भी उन्होंने चार्लोट से मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें दुनियाभर में भारत के योग विज्ञान और इसकी ताकत का प्रमुख चेहरा बताया है। पीएम मोदी ने सभी को चार्लोट से सीख लेने की सलाह दी है।
पद्मश्री से किया गया सम्मानित
चार्लोट को उनके काम के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। चार्लोट ने कहा कि 100 साल की उम्र में भी अगर उनका शरीर स्वस्थ और लचीला बना हुआ है तो इसका पूरा श्रेय योगा को जाता है। सिर्फ शारिरिक ही नहीं योगा ने उन्हें मानसिक तौर से भी स्वस्थ्य बनाया है।