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भक्त के अंदर प्रेम होता है, शिष्य के अंदर श्रद्धा होती इस लिए शिष्य सबके हित के लिए सोचता है:- मां सौभाग्य मति माताजी

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रायपुर(विश्व परिवार) | भारत गौरव विदुषी गणनी वागड़ केसरी आर्यिका रत्न 105 श्री सौभाग्यमती माताजी ,आर्यिका शिक्षामति माताजी ,आर्यिका संक्षेपमति माताजी,क्षुल्लिका समक्षमति माताजी,क्षुल्लिका साक्षातमति माताजी ससंध श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर मालवीय रोड़ में विराजित है मंदिर के नरेंद्र जैन (मैनेजिंग ट्रस्टी) ,यशवंत जैन (अध्यक्ष),सुजीत जैन (सचिव) ,दिलीप जैन (कोषाध्यक्ष) ने जानकारी दी , माताजी ने पंचम दिवस में आचार्य श्री के चित्र के समक्ष दीप प्रवज्लन ,शास्त्र एवं श्रीफल भेट मंदिर ट्रस्ट एवं फाफाडीह महिला मंडल की सदस्ययो के द्वारा किया गया तत्पश्चात माता जी ने मांगलिक प्रवचन में (भक्त के अंदर प्रेम होता है, शिष्य के अंदर श्रद्धा होती है ,यही वजह है भक्त सब कुछ अकेले ही लेना चाहता है ओर शिष्य सबको देने की भावना रखना है ) आहार दान के लाभार्थी श्री मणिलाल प्रकाश जैन,श्रीमति कांताबाई गिरीश जैन,श्री चंद्रकांत लोकेश ऋषभ जैन परिवार,श्रीमती चंपाबाई विजय जैन परिवार,श्रीमती ममता, आशु,विद्या, मंजू जैन श्रीमती रश्मि दीपक जैन गणेशराम नगर आज के आहार पुण्यार्जक बने , संध्याकालीन आनंद यात्रा के पारितोषिक के लाभार्थी आशीष अनुप जैन (श्रीनगर) एवं रवि जैन (संस्कृति पंडरी ) परिवार है । संघ के दैनिक चर्या अनुसार प्रात: 8:30 प्रवचन, 9:30 आहार चर्या, रात्रि 7 बजे आरती, प्रश्नोतरी 7:30 आनंद यात्रा का आयोजन किया जाएगा आपसे निवेदन अधिक अधिक संख्या में उपस्थित होकर धर्म लाभ लेवे ।

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