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चौथे स्टेज के ओवेरियन कैंसर से ग्रसित 15 वर्षीय बालिका के लिए देवदूत साबित हुए डॉ. रवि जायसवाल

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  •  कैंसर पर विजय प्राप्त कर हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा को 80% अंकों के साथ उत्तीर्ण किया बालिका ने 

कोरबा(विश्व परिवार) | मध्य भारत के प्रसिद्ध कैंसर एवं रक्त रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि जायसवाल पुनः एक 15 वर्षीय बालिका के लिए देवदूत साबित हुए, लड़की चौथे स्टेज के ओवेरियन कैंसर से ग्रसित थी, परिवारजन उम्मीद छोड़ चुके थे किन्तु डॉ. रवि जायसवाल के चिकित्सकीय कौशल व उचित इलाज से वह बालिका अब पूर्णतः स्वस्थ हो चुकी है, कैंसर पर विजय प्राप्त कर बालिका ने हाई स्कूल की परीक्षा को 80 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण कर अन्य कैंसर मरीजों के लिए प्रेरणास्रोत बनी है।

बसना निवासी एक 15 वर्षीय बालिका को पेट दर्द, सूजन, भूख में कमी व वजन कम होने की शिकायत हुई, वह लगातार 04-05 महीनों तक कई डॉक्टरों के पास जाकर अपना इलाज कराई किन्तु आराम नहीं मिला, बालिका ने स्कूल जाना बंद कर दिया, वह खाना भी नहीं खा पाती थी, सांस लेने में दिक्कत के साथ-साथ 02 माह में 07 किलो वजन कम हो गया तथा शरीर बहुत ज्यादा कमजोर हो गया था, उसके परिजनों ने नवम्बर 2023 में रामकृष्ण केयर हास्पिटल रायपुर में लड़की को भर्ती कराया, जहाँ पर उसका सीटीस्केन किया गया, जिसमें उसके अण्डाशय से लिम्फनोड मेटास्टेटिस के साथ 18 सेटीमीटर का ट्यूमर निकला, उक्त बालिका एवं उसके परिजन स्तब्ध रह गए, जब उन्हें पता चला कि इस कम उम्र में डिम्बग्रंथि में चौथे स्टेज का कैंसर हैं। डॉ. रवि जायसवाल एवं अन्य डॉक्टरों ने उसे दिलासा दिलाया कि सब ठीक हो जाएगा, बस उसे हिम्मत रखनी है, हार नहीं माननी है, कैंसर पर विजय प्राप्त करनी है। रक्त ट्यूमर मार्करों की जांच कराने पर पता चला की बालिका को मिश्रित रोगाणु कोशिका ट्यूमर है, डॉ. रवि जायसवाल ने पांच दिवसीय प्रोटोकाल के तहत उसकी कीमोथेरेपी इलाज प्रारंभ किया, यह एक जटिल एवं चुनौतीपूर्ण इलाज था, क्योंकि उसके पेट से तरल पदार्थ निकालना था, जबकि बालिका को बिस्तर से उठते समय भी सांस लेने में कठिनाई हो रही थी।

कीमोथेरेपी के प्रथम चक्र से ही सुधार प्रारंभ – बालिका को कीमोथेरेपी प्रारंभ की गई, कीमोथेरेपी के प्रथम चक्र के इलाज के बाद से ही बालिका की हालत में उल्लेखनीय सुधार हुआ, अब वह खाना खा सकती थी, गहरी सास ले सकती थी। कीमोथेरेपी के तीन चक्र के इलाज के बाद उसका ट्यूमर पूरी तरह से ठीक हो गया और उसमें कोई लक्षण नहीं दिखे, रक्त ट्यूमर मार्कर परीक्षण एवं पोस्ट कीमो सीटीस्केन में अच्छे रिजल्ट आए। बालिका को सर्जिकल टीम के पास भेजा गया, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संदीप दवे, डॉ. सिद्धांर्थ ताम्रकार, डॉ. सौरभ जैन, डॉ. विक्रम शर्मा की टीम ने बालिका की प्रजनन क्षमता बरकरार रखते हुए उसका सफल ऑपरेशन किया, अब वह पूर्णतः स्वस्थ है तथा उज्जवल एवं स्वस्थ जीवन के प्रति पूर्णतः आश्वस्त भी।

चौथे स्टेज का कैंसर अब मौत की सजा नहीं – सुप्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि जायसवाल कहते हैं कि चौथे स्टेज का कैंसर हो जाना अब मौत की सजा नहीं है, अब इसका पूर्ण इलाज संभव है। उन्होने बताया कि कैंसर के इलाज के विकल्पों में कई नए उपचार जोड़े गए हैं, जो एडवांस स्टेज के कैंसर का इलाज करने में भी सक्षम है, जैसे कि टारगेटेडथेरेपी, इम्युनोथेरेपी। उन्होने बताया कि छोटे बच्चों और वयस्कों में डिम्बग्रंथि व बृषण कैंसर में जर्म सेल ट्यूमर होने की अधिक संभावना होती है। यहाँ उल्लेखनीय है कि डॉ. रवि जायसवाल ने हजारों कैंसर रोगियों के इलाज के साथ-साथ पिछले पांच वर्षों में 90 प्रतिशत सफलता दर के साथ 60 से भी अधिक जर्म सेल ट्यूमर का इलाज किया है।

सकारात्मक सोच बेहतर इलाज में सहायक – डॉ. रवि जायसवाल कहते हैं कि मरीज की सकारात्मक सोच उसके बेहतर इलाज में सहायता देती है।” मैं लडूंगा, फाईट करूंगा और कैंसर को हराऊंगा ” यह सोच होनी चाहिए कैंसर की मरीज की, उसकी यह सोच बीमारी और उसके इलाज में सकारात्मक प्रभाव डालती है। डॉ. रवि जायसवाल बार-बार कहते हैं कि कैंसर अब असाध्य नहीं है, उसका पूर्ण इलाज होता है, कैंसर को पूरी तरह हराया जा सकता है, केवल जरूरत है बेहतर इलाज की।

डॉक्टर एवं नर्सों का भरपूर प्यार मिला – चौथे स्टेज के कैंसर का पूर्ण रूप से विजय प्राप्त करने वाली उक्त बालिका का कहना है कि उसके इलाज के दौरान डॉ. रवि जायसवाल एवं अन्य डॉक्टरों व नर्सों का उसे भरपूर प्यार व आशीर्वाद मिला, मैं भाग्यशाली थी कि मुझे कीमोथेरेपी का कोई बड़ा दुष्प्रभाव नहीं हुआ, कीमो मेरे लिए मुश्किल नहीं था, उसने बताया कि प्रत्येक उपचार के साथ-साथ मेरी हालत में सुधार होता गया, मेरा हीमोग्लोबिन व अन्य ब्लड रिजल्ट, मेरी भूख व मेरी इच्छाशक्ति बेहतर होती गई, अब मैं पूर्णतः स्वस्थ हूँ तथा डॉक्टर की सलाह के अनुसार मैं हर तीसरे महीने चेकअप कराने जाऊंगी। बालिका ने बताया कि मैं साइकिल से स्कूल जाती हूँ, इस वर्ष की हाईस्कूल परीक्षा मैनें 80 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण किया है।

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