धमतरी(विश्व परिवार) | धमतरी में पुलिस प्रशिक्षण केंद्र कंपोजिट बिल्डिंग रूद्री में शनिवार को कार्यशाला आयोजित कर नए कानून पर चर्चा की गई। बता दें कि देशभर में 1 जुलाई 2024 से नया कानून लागू हो रहा है। 3 नए आपराधिक कानून भी लागू होने जा रहा है। तीन नए आपराधिक कानूनों में पहला भारतीय न्याय संहिता बीएनएस 2023, दूसरा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, बीएनएसएस 2023 और तीसरा भारतीय साक्ष्य अधिनियम, बीएसएस 2023 शामिल है। नए कानून के तहत अब धोखाधड़ी की धारा 420 के बदले 316 और हत्या की धारा को 302 के बदले 101 से जाना जाएगा।
कानून को लेकर कलेक्टर नम्रता गांधी एवं पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय एवं अन्य पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में धमतरी पुलिस द्वारा जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जिला स्तरीय महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बड़ी संख्या में नागरिकगण, व्यापारीगण, आम जनता उपस्थित रहे। एसपी ने नए महिला सुरक्षा कानून पर विस्तृत एवं बारिकी से जानकारी देते हुए कहा कि नए कानून में अब धारा 68, 69 के तहत पहचान छिपाकर शादी करना या शादी का झूठा वादा कर यौन कृत्य करने को जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
धारा-70 के तहत सभी प्रकार के सामूहिक दुष्कर्म के लिए 20 वर्ष या आजीवन कारावास का प्रावधान है। धारा-89 के तहत महिला की सहमति के बिना गर्भपात कराने पर आजीवन कारावास से दंडित किए जाने का प्रावधान है। जनाजागरूकता कार्यशाला में एएसपी सुशील कुमार नायक, डीएसपी भावेश साव, रक्षित निरीक्षक दीपक शर्मा सहित शहर के सभी बड़े प्रतिष्ठान के संचालक, चेम्बर ऑफ कामर्स, राईस मिलर्स संघ, मेडिकल एशोसिएशन, परिवहन संघ, सेलून संघ, शांति समिति के सदस्य, स्वयं सेवी संस्था उपस्थित रहे।
धाराओं में परिवर्तनों की दी जानकारी
कार्यशाला में बताया गया कि 1 जुलाई से लागू हो रही नई संहिताएं आधुनिक समय की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में स्पष्टता और निष्पक्षता आती है। यह संहिता नागरिकों को सरकारी तंत्र के किसी भी दुरुपयोग से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण प्रदान करती है एसपी ने नवीन आपराधिक कानूनों में जोड़े गए नई धाराओं, पुराने कानून से हटाई गई धाराओं एवं आवश्यक परिवर्तनों की विस्तृत रूप से जानकारी दी।
अपने व्याख्यान में उन्होंने बताया कि नए कानून हमारे देश की विधिक प्रणाली को आधुनिक, समसामयिक और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। इन संहिताओं के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता, त्वरितता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सकती है। इनकी आवश्यकता और अपरिहार्यता स्पष्ट है, क्योंकि यह न केवल कानून के शासन को मजबूत बनाती हैं, बल्कि समाज में न्याय, सुरक्षा और विकास को भी प्रोत्साहित करती हैं।