Home धर्म मुनि मुद्रा की मान्यता आचार्य श्री के द्वारा मिलती हैं- मुनि श्री...

मुनि मुद्रा की मान्यता आचार्य श्री के द्वारा मिलती हैं- मुनि श्री अजित सागर

116
0
सागर (विश्व परिवार)। जिस प्रकार नोट (रूपए) की मान्यता रिजर्व बैंक गवर्नर के हस्ताक्षर से होती है उसी प्रकार मुनि मुद्रा की मान्यता आचार्य श्री के द्वारा दी गई दीक्षा संस्कार के बाद होती है आचार्य विद्यासागर महाराज गवर्नर की भाति है जिन्होंने सभी मुनिराजो को महाव्रत धारण करने का आशीर्वाद प्रदान किया है। यह बात मुनि श्री अजित सागर महाराज ने ज्ञान कल्याणक अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा कि 6 माह के बाद मुनि श्री ऋषभ सागर महाराज को विधि मिलने से आहारचर्या हुई यह सौभाग्य राजा श्रेयांश (संतोष बिलहरा-सुमन, रिया) राजा  सोम (अर्चित महक) को पडगाहन करने का सौभाग्य मिला है और इच्छु रस के द्वारा आहारचर्या हुई।
मुनि श्री ने कहा कि वे बड़े भाग्यशाली है जो महावतों के धारी है धन वैभव राजपाट छोड़कर के महाव्रत धारण किया है तीर्थंकरों को दीक्षा नहीं दी जाती है वे दीक्षा लेते हैं और मुनियों को दीक्षा भी दी नहीं जाती उनके द्वारा ली जाती है कर्म हमारे लिए अंतराय का कारण बनते है। सैकड़ो चौके आज आहारचर्या के लिए लगाए गए थे आहारचर्या राजा श्रेयांश और राजा सोम के चौके में हुई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here