बिहार(विश्व परिवार) | जनता दल यूनाइटेड के नेता लगातार यह मांग कर रहे थे कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए। लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी को आज फाइनल जवाब मिल गया है। इस जवाब में कहा गया कि बिहार को स्पेशल स्टेट का दर्जा नहीं मिल सकता है। जेडीयू के सांसद रामप्रीत मंडल के सवाल के जवाब में पंकज चौधरी ने लिखित जवाब में कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता है।
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने केंद्र सरकार की तरफ से जवाब देते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है। इसके साथ ही केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि स्पेशल स्टेटस के लिए जिन प्रावधानों को पूरा करना होता है, वह बिहार में नहीं है। गौरतलब है कि बीते कुछ सालों से बिहार को स्पेशल स्टेट का दर्जा देने की मांग लगातार उठती रही है। बिहार में एक बार फिर यह मांग जोर पकड़ रही है।
लालू प्रसाद यादव की आरजेडी भी इस मुद्दे पर काफी मुखर
रविवार को दिल्ली में सर्वदलीय बैठक हुई थी। इसमें भी जेडीयू के राज्यसभा सांसद संजय झा ने बिहार को विशेष राज्य का दर्ज और विशेष पैकेज देने की मांग की थी। बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार भी कई बार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को उठाते रहे हैं। अब इस मामले पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है और सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और हम विशेष राज्य का दर्जा लेकर ही रहेंगे।
दूसरे राज्यों से भी उठ रही मांग
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 275 के मुताबिक, किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के प्रावधान है। इस समय देश में कुल 29 राज्य और 7 केंद्रशासित प्रदेश हैं। इनमें से 11 राज्य ऐसे हैं जिन्हें विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है। वहीं, अब भी बिहार, आंध्रप्रदेश, ओडिशा समेत पांच राज्य ऐसे हैं जो स्पेशल स्टेट का दर्जा दिए जाने की मांग लगातार कर रहे हैं। विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए पांच पैमाने तय किए गए हैं। इनमें राज्य में पहाड़ी इलाके और दुर्गम क्षेत्र ज्यादा हों। कम आबादी वाले राज्य या जनजातीय समुदाय का ज्यादा होना। इंटरनेशनल बार्डर वाले राज्य, इसकी सरहदें पड़ोसी देशों से लगती हों। आर्थिक और आधारभूत संरचना में पिछड़े राज्य। राज्य के पास इनकम का बड़ा स्रोत ना होना।