भिलाई(विश्व परिवार)। श्री दिगंबर जैन मंदिर वैशाली नगर में सोमवार को एक भावुक कर देने वाला क्षण आया जब 80 साल का बुजुर्ग भाई वैराग्य ले चुकी बहन के इंतजार में घंटे भर खड़ा रहा। वह संकल्प लेकर आया था कि चाहे बोली कितनी भी लगे लेकिन साध्वी माताजी (सांसारिक बहन) को वस्त्र वही प्रदान करेगा। उनको यह सौभाग्य भी मिला। श्रीसक्षममति माताजी समेत संघ की सभी साध्वी माताओं को उन्होंने वस्त्र प्रदान किया। साध्वी माताएं सूती की सफेद वस्त्र धारण करती है, जिसमें कहीं से भी सिलाई नहीं की गई होती। खंडेलवाल जैन भवन में सोमवार को वर्षा योग 2024 कलश स्थापना समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साध्वी माताओं को वस्त्र देने के लिए बोली लगाई गई। वहां 80 वर्षीय मदनलाल श्री श्रीमाल भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अधिकतम जो बोली लगेगी उसे वह देंगे और वस्त्र देने का सौभाग्य उन्हें मिलना चाहिए। वस्त्र देने के लिए 1 लाख 41 हजार की बोली लगी। जिसे मदनलाल ने दिया और साध्वी माताओं को वस्त्र देने का सौभाग्य प्राप्त किया।
60 साल से राखी बांध रही थी
श्री सक्षममति माताजी का सांसारिक नाम निर्मला लक्ष्मीनारायण बोहरा था। सांसारिक जीवन में वे समाजसेवी सुनीता संजय बोहरा की माता थी। वे दिगंबर समाज से हैं और मदनलाल श्रीश्रीमाल श्वेतांबरी हैं। सांसारिक जीवन में मदनलाल उनका सगे भाई तो नहीं पर सगे भाई से कम भी नहीं थे। निर्मला बोहरा अपने इस धर्मभाई को करीब 60 साल से रक्षा बंधन पर राखी बांधती आ रहीं थी। रक्षा बंधन में भाई के तौर पर वे उपहार देते थे। अब चूंकि बहन वैराग्य पथ पर चल रहीं है तो उन्होंने वस्त्र देने के लिए इस शुभ अवसर को चुना।