जयपुर में पहली बार मुनि प्रणम्य सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में मीरा मार्ग के आदिनाथ भवन पर चल रहा पार्श्व पुराण का वाचन – पार्श्वनाथ कथा में उमड़े श्रद्धालु –
मीरा मार्ग के आदिनाथ भवन पर बुधवार को प्रातः 8.15 बजे होगी धर्म सभा
जयपुर(विश्व परिवार)। संत शिरोमणि आचार्य 108 विद्यासागर महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य अर्हम योग प्रणेता मुनि प्रणम्य सागर महाराज के मुखारबिन्द से मीरा मार्ग के आदिनाथ भवन पर कवि भूधरदास द्वारा विरचित पार्श्वनाथ पुराण का वाचन किया गया जिसमें जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के चार भव पूर्व के वृतांत में चक्रवर्ती की महिमा बताते हुए कहा कि उसके पास चक्र – दण्ड – चम-चूडामणी इत्यादि 7 निर्जीव एवं 7 सजीव रत्न होते हैं। यह सब पूर्व भव में संचित पुण्य के कारण होता है।
मुनि श्री ने आगे कहा कि जब पुण्य फलता है तो हमें सब अपने-आप प्राप्त हो जाता है और वह स्थिर भी रहता है। लौकिक संसार में जिन्हें हम सुख कहते हैं, वह क्षणिक सुख है, उसमें स्थिरता नहीं होती है।
मुनि श्री ने कहा कि हमें रीझने की जरुरत नहीं अपितु सीझने की जरुरत होनी चाहिए। जो आपको रिझाऐ उसके पास जाने की जगह जो आपको सिझाए या उसका ज्ञान दे, उनकी शरण में जाना चाहिए। अहिंसा – संयम – तप जिनके पास है, उन्हें देवता भी नमस्कार करते हैं।
कथा के दौरान सजीव पात्रों ने मनमोहक अभिनय कर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
इससे पूर्व मनीष – रचना चौधरी एवं संगीतकार नरेन्द्र जैन के निर्देशन में आचार्य विद्यासागर महामुनिराज की संगीतमय पूजा की गई। आचार्य समय सागर महाराज एवं मुनि प्रणम्य सागर महाराज का अर्घ्य चढाया गया।
तत्पश्चात समाजश्रेष्ठी राज कुमार- विमला देवी, ऋषभ, राकेश, जिनेन्द्र, अक्षत, पुलक, सलौनी, नमो, परी, प्रशान्त बाकलीवाल परिवार द्वारा संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महामुनिराज एवं आचार्य समय सागर महाराज के चित्र का जयकारों के बीच अनावरण किया गया। भगवान आदिनाथ के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन किया गया। तत्पश्चात मुनि श्री प्रणम्य सागर महाराज के पाद पक्षालन एवं शास्र भेट करने का पुण्यार्जन किया।
अध्यक्ष सुशील पहाड़िया एवं मंत्री राजेन्द्र सेठी ने बताया कि इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में रामगढ़ अलवर के पूर्व विधायक ज्ञान देव आहूजा एवं सिंगोली नगरपालिका के अध्यक्ष सुरेश जैन, दिगम्बर जैन महासमिति के राजस्थान अंचल अध्यक्ष सेवानिवृत्त आई पी एस अनिल जैन, समाजश्रेष्ठी नन्द किशोर पहाड़िया, उत्तम चन्द पाटनी, शीतल कटारिया आदि ने ने मुनि श्री को श्रीफल भेट कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
जिनवाणी स्तुति से धर्म सभा का समापन हुआ।
समिति के संगठन मंत्री अशोक सेठी एवं सांस्कृतिक मंत्री जम्बू सोगानी ने बताया कि मीरामार्ग के श्री आदिनाथ भवन पर मुनि प्रणम्य सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में बुधवार 7 अगस्त को प्रातः 8.15 बजे श्री पार्श्वनाथ कथा का संगीतमय आयोजन आयोजन किया जाएगा।इस मौके पर आचार्य विद्यासागर महामुनिराज की पूजा एवं मुनि श्री प्रणम्य सागर महाराज के मंगल प्रवचन होगें। मुनि श्री की आहारचर्या प्रातः 9:40 बजे होगी। दोपहर में 3.00 बजे शास्र चर्चा होगी। गुरुभक्ति एवं आरती सांय 6:30 बजे एवं वैयावृत्ति रात्रि 8:30 बजे होगी।