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मैट्स विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस सम्पन्न

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छात्रों द्वारा भाषण, कविता व पोस्टर कला का प्रदर्शन

रायपुर (विश्व परिवार)। मैट्स विश्वविद्यालय के मैट्स स्कूल आफ लाइब्रेरी साइंस विभाग द्वारा राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विद्यार्थियों के लिए भाषण, कविता व पोस्टर कला का आयोजन किया गया जिसमें विद्याार्थियों ने बड़े उत्साह के साथ भागीदारी की और अपने भाषण, कविता पोस्टर कला का प्रदर्शन किया।
उल्लेखनीय है कि प्रथम भारतीय विश्वविद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष प्रो.डाॅ. एसआर रंगनाथन के जन्म दिवस पर प्रतिवर्ष 12 अगस्त को पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस मनाया जाता है। पुस्तकालय विज्ञान के जनक पद्मश्री डाॅ. एसआर रंगनाथन के 132 वीं जयंती के अवसर पर पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी जन्म दिवस बड़े उत्साह से मनाया गया जिसमें विश्वविद्यालय के छात्रों सहित प्राध्यापकगण मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डाॅ. कल्पना चंद्राकर, विभागाध्यक्ष मैट्स स्कूल आॅफ लाइब्रेरी साइंस विभाग द्वारा किया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप में मैट्स विश्वविद्यालय के महानिदेशक प्रियेश पगारिया, कुलपति प्रो. डाॅ. के. पी. यादव जी उपस्थित थे।
भाषण व कविता प्रस्तुतिकरण में छात्रों द्वारा पुस्तकालय विज्ञान में डाॅ. रंगनाथन महोदय के जीवन के चुनिंदा पहलुओं के बारे में साथ ही पुस्तक, पुस्तकालय और ज्ञान के संबंध में वक्तव्य पेश किये गये। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के शिक्षकों द्वारा स्व-रचित पुस्तकें पुस्तकालय में दान किया गया, जिसकी सभी ने प्रशंसा की। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डाॅ. कपी. यादव ने सूचना उपयोकर्ताओं की आवश्यकता को पूरा करने और आने वाली चुनौतियां से निपटने की तैयारी के बारे में विस्तार से अपने उद्बोधन में स्पष्ट किया। एक अच्छी पुस्तकालय सूचना पुनर्प्राप्ति प्रणाली को प्रभावी ढंग से जानकारी संग्रहित, पुनर्प्राप्ति और प्रसारित करने में सक्षम होना चाहिए। पुस्तकालय सूचना पुनर्प्राप्ति प्रणालियों का महत्व उपयोगकर्ताओं को समय पर प्रासंगिक जानकारी प्रदान करने की उनकी क्षमता में निहित है। यह उपयोगकर्ताओं को सूचित निर्णय लेने और ज्ञान तक जल्दी पहुँचने में सक्षम बनाता है। साथ कुलसचिव गोकुलानंदा पंडा द्वारा अपने वक्तव्य में गैर-पाठकों में अक्सर पढ़ने के लिए प्रेरणा और रुचि की कमी होती है, और यह पुस्तकालयों पर निर्भर करता है कि वे उनमें पढ़ने और सीखने के प्रति रूचि पैदा करें। गैर-पाठकों को पाठक बनाने के लिए पुस्तकालय विभिन्न प्रभावी रणनीतियाँ अपना सकते हैं।
इस अवसर पर मैट्स विश्वविद्यालय के कुलाधिपति  गजराज पगारिया, महानिदेशक प्रियेश पगारिया, कुलपति प्रो.डाॅ. के.पी. यादव, उपकुलपति डाॅ. दीपिका ढांढ, कुलसचिव गोकुलानंदा पंडा, लाइब्रेरी कमेटी के अध्यक्ष डाॅ.प्रशांत मुंडेजा ने इस आयोजन की सराहना की एवं विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर लाइब्रेरी साइंस विभाग के शिक्षकगण सहायक प्राध्यापक सहायक प्राध्यापक शसंजय शाहजीत, सहायक प्राध्यापक लाकेश कुमार साहू, सहायक प्राध्यापक कुलेश्वर प्रसाद देवांगन एवं सहायक ग्रंथपाल  गिरधारी लाल पाल का कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं प्राध्यापकगण भी उपस्थित थे।

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