सीहोर(विश्व परिवार)। कहावत है उड़ान पंखों से नही होसलो से होती है,इस कहावत को चरितार्थ किया है सीहोर के छोटे से गाँव मुल्तानी की 12 वर्षीय बेटी प्रीति परमार ने प्रीति ने तमाम कठिनाइयों के बावजूद यूरोप की सबसे उचे पहाड़ की चोटी एल्बुर्स पर तिरंगा फहराकर इस उपलब्द्धि को हासिल किया है। 8वीं कक्षा की छात्रा प्रीति ने पर्वतारोही बनने की टैनिग अपने बड़े भाई चेतन से हासिल की यूरोप के एल्बुर्स पर्वत पर चढ़ने के सपना बांधे प्रीति की राह आसान नही थी, परिवार की आर्थिक अच्छी न होने के कारण प्रीति का सपना चूर चूर हो सकता था।
ऐसे में नगर के समाजसेवी अखलेश राय ने प्रीति का साथ दिया और जहाँ पर आर्थिक कठिनाई आई समाजसेवी अखलेश राय ने वहाँ वहां प्रीति का साथ दिया जिससे प्रीति को इस साहसिक अभियान में सफलता प्राप्त करने में कोई आर्थिक परेशानी न हो।
प्रीति ने गत 16 अगस्त रात 1 बजे बेस कैंप से चढ़ाई शुरू की और 9 घंटे के भीतर शिखर तक पहुंच गईं। प्रीति के साथ उनके भाई चेतन परमार भी थे जिन्होंने भी पहली ही कोशिश में इस पर्वत को फ़तह किया। उनकी योजना थी कि वे 15 अगस्त को पर्वत के शिखर पर पहुंचे, लेकिन अत्यधिक खराब मौसम के कारण उन्हें इसे स्थगित करना पड़ा।
इसके बावजूद, प्रीति और चेतन ने अपने दृढ़ संकल्प और साहस के बल पर इस चुनौती को पूरा किया। प्रीति की इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। एल्ब्रुस पर्वत, जिसकी ऊंचाई 5,642 मीटर है, को फतह करना हर पर्वतारोही का सपना होता है। प्रीति ने इस चुनौती को स्वीकार कर इसे पूरा किया, जो उनकी असाधारण क्षमता को दर्शता है।