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लद्दाख में पांच नए जिले बनाएगी सरकार, अमित शाह का एलान

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अमित शाह ने इस बात की जानकारी एक्स के जरिए दी
गृहमंत्री अमित शाह ने इन पांच जिलों के नाम भी बताए हैं
मौजूदा समय में केंद्रशासित प्रदेश में दो जिले हैं- कारगिल और लेह

लद्दाख(विश्व परिवार)। केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में केंद्र सरकार नए बदलाव करने जा रही है। लद्दाख में केंद्र सरकार ने पांच नए जिले बनाने का फैसला किया है। इस बात का एलान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया है।
अमित शाह ने बताए जिलों के नाम
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने एक्स हैंडल से जानकारी देते हुए कहा कि, पीएम नरेंद्र मोदी के अनुसरण में विकसित और समृद्ध लद्दाख बनाने के दृष्टिकोण के तहत गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश में पांच नए जिले बनाने का निर्णय लिया है।

 

नए जिलों में जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग शामिल हैं। शाह ने लिखा, हर कोने में शासन को मजबूत करके लोगों को मिलने वाले लाभों को उनके दरवाजे तक ले जाएंगे। मोदी सरकार लद्दाख के लोगों के लिए प्रचुर अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दो जिलों में बंटा है लद्दाख
उत्तर भारत मे मौजूद लद्दाख साल 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर का हिस्सा था। लेकिन 2019 में परिसीमन के बाद इसे जम्मू-कश्मीर से अलग कर एक नया केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया। मौजूदा समय में केंद्रशासित प्रदेश में दो जिले हैं, जिनमें लेह और कारगिल शामिल हैं।
ज्ञात हो कि अगस्त, 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया गया था। इस अनुच्छेद के अंतर्गत पूर्ववर्ती व तत्कालीन राज्य जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा मिला हुआ था। परंतु आर्टिकल के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया।
जम्मू-कश्मीर में दस साल बाद चुनाव
वहीं, आर्टिकल 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में मतदान होना हैं। पहले चरण का चुनाव 18 सितंबर, दूसरे चरण का चुनाव 25 सितंबर और तीसरे चरण का चुनाव 1 अक्टूबर को होना है, जबकि मतगणना 4 अक्टूबर को होगी।
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद इस क्षेत्र में होने वाले ये पहले चुनाव होंगे। जम्मू और कश्मीर में दस साल के अंतराल के बाद मतदान हो रहे हैं. क्योंकि आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था।
साल 2014 में हुए चुनाव में पीडीपी-भाजपा ने मिलकर सरकार बनाई थी, जो जून 2018 में गिर गई। उस दौरान भाजपा ने पीडीपी की तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से समर्थन वापस ले लिया। पिछले साल दिसंबर में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 30 सितंबर, 2024 तक चुनाव प्रक्रिया समाप्त करने का निर्देश दिया था।

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