आंध्रप्रदेश(विश्व परिवार)। तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लिए वितरित किए जाने वाले लड्डू को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने कहा कि वाईएसआर कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर से मिलने वाले ‘प्रसाद’ तिरुपति लड्डू के उत्पादन में एनिमल फैट यानि पशु वसा का इस्तेमाल किया था। यह मंदिर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के शासन के अंतर्गत आता है।
पिछले चुनाव में टीडीपी के नेतृत्व में जन सेना और भाजपा के साथ गठबंधन की सरकार सत्ता में आई। बुधवार को एनडीए दल की बैठक के दौरान चंद्रबाबू नायडू ने पिछली सरकार पर ये संगीन आरोप लगाए। हालांकि वाईएस जगन मोहन रेड्डी की अगुवाई वाली वाईएसआर कांग्रेस ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
वाईएसआर ने खारिज किया दावा
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने इन आरोपो का खंडन करते हुए इन्हें निराधार और दुर्भावनापूर्ण बताया है। इस गतिरोध ने तिरुमाला मंदिर की पवित्रता और प्रशासन पर बहस छेड़ दी है, जो कि अत्यधिक धार्मिक महत्व का स्थल है। नायडू के दावों ने भक्तों के बीच चिंता पैदा कर दी है, जिससे मंदिर की पवित्रता और उसके प्रसाद की अखंडता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
चंद्रबाबू नायडू ने बताया कि कैसे वाईएसआर कांग्रेस के शासन में मंदिर की पवित्रता में कमी आई। मंदिर में स्थित ‘अन्नदानम’ (मंदिर में दिया जाने वाला मुफ्त भोजन) में समझौता किया गया और तिरुमाला लड्डू में घी की जगह पशु वसा का इस्तेमाल किया गया।
मंदिर की पवित्रता को कलंकित किया
सीएम नायडू ने कहा कि पिछले 5 सालों में, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तिरुमाला की पवित्रता को कलंकित किया है। उन्होंने ‘अन्नदानम’ की गुणवत्ता से समझौता किया और यहां तक कि घी की जगह पशु वसा का इस्तेमाल करके पवित्र तिरुमाला लड्डू को भी दूषित कर दिया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हालांकि अब हम शुद्ध घी का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम मंदिर की पवित्रता को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही मंदिर की परंपराओं को बहाल कर रहे हैं, सरकार मंदिर के रखरखाव का भरसक प्रयास कर रही है।
वाईएसआर ने सीएम को दी चुनौती
इन आरोपों के बीच, वाईएसआर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी ने नायडू के दावों को मंदिर की पवित्रता और असंख्य हिंदुओं की आस्था पर हमला बताया। रेड्डी ने नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक भावनाओं का शोषण करने का आरोप लगाया।
रेड्डी ने तेलुगु में एक्स पर लिखा, “चंद्रबाबू नायडू ने तिरुमाला की पवित्रता और करोड़ों हिंदुओं की आस्था को बहुत नुकसान पहुंचाया है। तिरुमाला प्रसाद के बारे में उनकी टिप्पणी बेहद दुर्भावनापूर्ण है। कोई भी व्यक्ति ऐसे शब्द नहीं बोलेगा या ऐसे आरोप नहीं लगाएगा।”
रेड्डी ने नायडू को चुनौती दी कि वे अपने परिवार के साथ तिरुपति के लड्डू की सत्यनिष्ठा की पुष्टि करें, उन्होंने दावा किया कि वे भक्तों को आश्वस्त करने के लिए अपने रिश्तेदारों के साथ भी ऐसा करने के लिए तैयार हैं।
किसी भी स्तर पर गिर सकते हैं नायडू
उन्होंने पूछा, “यह फिर से साबित हो गया है कि चंद्रबाबू नायडू राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं। भक्तों की आस्था को मजबूत करने के लिए, मैं अपने परिवार के साथ तिरुमाला ‘प्रसाद’ के बारे में सर्वशक्तिमान के सामने शपथ लेने के लिए तैयार हूं। क्या चंद्रबाबू नायडू अपने परिवार के साथ भी ऐसा करने के लिए तैयार हैं।”
मंदिर के प्रबंधन पर सवाल
तिरुमाला मंदिर के प्रसाद को लेकर विवाद धार्मिक शुद्धता, राजनीतिक अखंडता और धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन पर व्यापक बहस को उजागर करता है। दोनों पक्ष अपने दावे पर अड़े हैं, लेकिन लाखों लोगों की आस्था अधर में लटकी हुई है, जो ये आश्वासन चाहते हैं कि मंदिर के प्रसाद की पवित्रता से कोई समझौता नहीं हुआ है।