Home मनेंद्रगढ़ प्रधानमंत्री आवास योजना से अशोक बैगा के सपनों को मिला नया आयाम

प्रधानमंत्री आवास योजना से अशोक बैगा के सपनों को मिला नया आयाम

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मनेन्द्रगढ़(विश्व परिवार)। हर इंसान का जीवन एक संघर्षमय यात्रा होती है। परंतु कुछ लोग अपने दृढ़ संकल्प और कठोर परिश्रम से उस यात्रा को सफल बनाते हैं। उनकी कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा बन जाती है जो कठिनाइयों से हार मानने के बजाय उनका सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बुलाकीटोला के निवासी अशोक बैगा की, जिन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपने जीवन की दिशा बदल दी। गरीबी और अभावों से भरी जिंदगी जीने वाले अशोक बैगा के लिए पक्का घर बनाना एक सपना था। यह सपना तब साकार हुआ जब ’’ प्रधानमंत्री आवास योजना’’ के माध्यम से उन्हें अपने घर का मालिक बनने का अवसर मिला।
अशोक बैगा की कठिनाइयों से भरी रही शुरुवाती जिन्दगी
अशोक बैगा का जीवन एक साधारण ग्रामीण व्यक्ति का जीवन था, जहां वह रोजी-मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय थी। उनके पास जो घर था, वह भी कच्चा और छानी (घास और मिट्टी की छत) वाला था, जो न तो सुरक्षित था और न ही मौसम की मार झेलने के लिए सक्षम था। अशोक बैगा के परिवार को सबसे ज्यादा परेशानियां मानसून और सर्दियों के मौसम में होती थीं। जब बारिश होती, तो घर की छत से पानी टपकने लगता और पूरे घर में नमी और सीलन फैल जाती थी। ऐसे में घर में रहना बेहद मुश्किल हो जाता था। बरसात के मौसम में बच्चों को ठंड और बुखार जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता था। गरीबी के कारण उन्हें दवाइयां खरीदने में भी दिक्कत परेशानी होती थी। श्री अशोक बैगा ने बताया कि जब उनके बच्चे बीमार हो जाते थे, तो उन्हें अस्पताल ले जाना और उनके इलाज का खर्च उठाना उनके लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जाती थी। ऐसे में कई बार वे खुद को बहुत असहाय महसूस करते थे। वह चाहते थे कि उनका परिवार सुरक्षित और स्वस्थ माहौल में रहे, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं देती थी। अशोक बैगा के पास रोजी-मजदूरी के अलावा और कोई साधन नहीं था। वह दिन-रात मेहनत करके अपने परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने की कोशिश करते थे। लेकिन इतने कम आय में घर का खर्चा चलाना और मकान की मरम्मत करवाना संभव था। उनके लिए यह स्थिति बहुत ही निराशाजनक थी। वह हमेशा इस सोच में रहते थे कि उनका परिवार कब तक इसी तरह संघर्ष करता रहेगा। एक पक्के मकान का सपना उनकी आंखों में जरूर था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह इसे पूरा नहीं कर पा रहे थे। उनके पास न तो पर्याप्त साधन थे और न ही किसी प्रकार की सहायता जिससे वे इस सपने को हकीकत में बदल पाते।
अशोक बैगा को ’’प्रधानमंत्री आवास योजना’’ से एक नई जिन्दगी
इसी बीच श्री अशोक बैगा को ’’प्रधानमंत्री आवास योजना’’ की जानकारी तब मिली जब उनके गांव में इसके बारे में प्रचार-प्रसार हुआ। उन्होंने तुरंत योजना के तहत आवेदन किया। उनके जीवन में असली बदलाव तब आया जब उनका नाम ’’प्रधानमंत्री आवास योजना’’ के तहत सूची में आया। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की गई, अशोक बैगा का नाम जब सूची में आया, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यह उनके लिए एक सपने के साकार होने जैसा था। उन्होंने सोचा नहीं था कि वह कभी भी अपने जीवन में पक्का मकान बना पाएंगे, लेकिन अब यह सपना सच हो सकता था। ’’प्रधानमंत्री आवास योजना’’ के तहत मिली आर्थिक सहायता से अशोक बैगा ने अपने परिवार के साथ मिलकर पक्के मकान के निर्माण की योजना बनाई। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण था। उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मिलकर मेहनत से घर बनाने का काम शुरू किया। उन्होंने स्थानीय सामग्री का भी इस्तेमाल किया, जिससे घर बनाने में लागत कम हुई। वह खुद भी मजदूरी करते थे, जिससे उन्हें अतिरिक्त मजदूरी का खर्चा नहीं उठाना पड़ता था । अशोक बैगा ने अपने नए घर का निर्माण करते समय यह भी ध्यान रखा कि यह न केवल सुरक्षित हो, बल्कि उनके परिवार के लिए आरामदायक भी हो, ताकि घर का वातावरण स्वस्थ और ताजा रहे।
’’प्रधानमंत्री आवास योजना’’ से अषोक बैगा का सपना हुआ साकार
कुछ महीनों की कड़ी मेहनत के बाद अशोक बैगा का घर बनकर तैयार हो गया। अब उनका परिवार एक मजबूत और सुरक्षित पक्के मकान में रह रहा है। घर के अंदर बारिश का पानी टपकने का भी डर नहीं है, और सर्दियों में ठंड से बचने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है। उनके बच्चों को अब बीमारियों से भी राहत मिल गई है। पहले जहां बारिश और सीलन के कारण बच्चे अक्सर बीमार हो जाते थे, अब उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ माहौल मिला है। अशोक बैगा के जीवन में अब वह स्थिरता और सुरक्षा है, जिसकी उन्होंने हमेशा से उम्मीद की थी। श्री अशोक बैगा के लिए यह घर सिर्फ ईंटों और सीमेंट से बना एक ढांचा नहीं है, बल्कि यह उनके संघर्षों, मेहनत और सपनों का परिणाम है। इस घर ने उन्हें न केवल एक सुरक्षित आश्रय दिया है, बल्कि उनके आत्मसम्मान को भी बढ़ाया है। अब वह गर्व के साथ कह सकते हैं कि वह एक पक्के मकान के मालिक हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है, क्योंकि अब उन्हें घर की मरम्मत और बच्चों की बीमारियों पर अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ता है। इससे उनकी बचत बढ़ी है और वह अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा देने की योजना बना पा रहे हैं।
अशोक बैगा ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद
अशोक बैगा और उनका परिवार ने ’’प्रधानमंत्री आवास योजना’’ के तहत मिले इस पक्के मकान के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के साथ-साथ जिला प्रशासन का दिल से धन्यवाद ज्ञापित किया हैं। उनका मानना है कि यह योजना गरीबों के जीवन में स्थिरता और सुरक्षा लाने का एक बड़ा कदम है। अशोक बैगा ने कहा की इस योजना से मेरे जैसे लाखों गरीब परिवारों के जीवन में नया अध्याय जोड़ा है। यह योजना सिर्फ एक घर बनाने का साधन नहीं है, बल्कि गरीबों के जीवन में आत्मसम्मान, सुरक्षा और स्थिरता लाने का भी माध्यम है। यह योजना ग्रामीण विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि इससे गांवों की जीवन स्तर में सुधार हो रहा है। कच्चे और जर्जर मकानों में रहने वाले लोगों को अब पक्के मकान मिल रहे हैं, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।

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