महाराष्ट्र मंडल के सेवाभावी कार्यों से प्रभावित दिखे श्री सत्य साईं स्वास्थ्य और शिक्षा ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीनिवास
रायपुर (विश्व परिवार)। श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल ट्रस्ट के अध्यक्ष सी श्रीनिवास का महाराष्ट्र मंडल ने मंगलवार को नवा रायपुर में अभिनंदन किया। संजीवनी अस्पताल बाल ह्रदय देखभाल केंद्र में महाराष्ट्र मंडल के पदाधिकारियों ने श्रीनिवास को मंडल की प्रत्येक प्रकल्पों, समितियों और महिला केंद्रों की गतिविधियों से अवगत कराया गया। श्रीनिवास ने दिव्यांग बालिका विकास गृह के माध्यम से महाराष्ट्र मंडल की ओर से किए जा रहे कार्यों की जमकर प्रशंसा की और यहां से निकलने वाली बच्चियों को संजीवनी अस्पताल के माध्यम से रोजगार देने की बात कही।
महाराष्ट्र मंडल की उपाध्यक्ष गीता श्याम दलाल, दिव्यांग बालिका विकास गृह के प्रभारी प्रसन्न विजय निमोणकर, मुख्य समन्वयक श्याम सुंदर खंगन, वरिष्ठतम सभासद आरवाय जोगलेकर, सचेतक रविंद्र ठेंगड़ी ने उन्हें महाराष्ट्र मंडल के गौरवशाली 90 वर्ष की विकास यात्रा व मानव सेवा के लिए किए जा रहे विभिन्न कार्यों की न केवल विस्तृत जानकारी दी, बल्कि महाराष्ट्र मंडल का ब्रोशर और कैलेंडर भी दिया। जोगलेकर ने बताया कि सन् 1971 में सुनील गावस्कर ने तात्यापारा स्थित महाराष्ट्र मंडल का भ्रमण किया था। इस मौके पर तिल- गुड़ खिलाकर उनका अभिनंदन भी किया गया। यहां खेले गए क्रिकेट मैच से लौटने के बाद गावस्कर का भारतीय क्रिकेट टीम में चयन हुआ था, और उन्होंने क्रिकेट टीम के साथ पहला दौरा वेस्टइंडीज का किया था।
महाराष्ट्र मंडल के प्रतिनिधियों के हाथों अभिनंदन से अभिभूत श्रीनिवास ने कहा कि दिव्यांग बच्चियों के लिए आप लोगों का समर्पण प्रशंसनीय है। इसी तरह संत ज्ञानेश्वर इंग्लिश मीडियम स्कूल के माध्यम से निर्धन परिवार के बच्चों को शिक्षा देने की पहल भी प्रेरक है। वाघोलीकर मेडिकल इक्यूपमेंट योजना के संदर्भ में उन्होंने कहा कि मरीजों के लिए यह प्रयास बहुत अच्छा है। लोगों को इसकी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने महाराष्ट्र मंडल के आमंत्रण को स्वीकर करते हुए कहा कि वे चौबे कालोनी स्थित मंडल भवन और अन्य प्रकल्पों को देखना चाहेंगे। संभव हुआ तो भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर को भी मंडल में लाकर सन् 1971 का इतिहास दोहराना चाहेंगे।
इस मौके पर विगत आठ वर्षों से श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल में नि:स्वार्थ सेवा दे रहे 86 वर्षीय अशोक लोणकर और उनकी पत्नी मीना लोणकर ने महाराष्ट्र मंडल के प्रतिनिधियों को अस्पताल के अलावा मंदिर, आडिटोरियम, कैंटीन सहित विभिन्न भवनों और वहां उपलब्ध सुविधाओं को दिखाया और जानकारी दी।