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पीएम गतिशक्ति के तहत नेटवर्क नियोजन समूह (एनपीजी) की 81वीं बैठक में बुनियादी ढांचा क्षेत्र की पांच प्रमुख परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया

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Pune, India - August 15 2020: The Mumbai-Pune Expressway during the monsoon season near Pune India. Monsoon is the annual rainy season in India from June to September.
  • एनपीजी ने सड़क और विमानन बुनियादी ढांचा क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं का मूल्यांकन किया

नई दिल्ली(विश्व परिवार)। पीएम गतिशक्ति पहल के तहत नेटवर्क नियोजन समूह की 81वीं बैठक कल उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अतिरिक्त सचिव श्री राजीव सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) की बुनियादी ढांचा क्षेत्र की पांच महत्वपूर्ण परियोजनाओं के मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया गया। इन परियोजनाओं का मूल्यांकन पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) में उल्लिखित एकीकृत योजना के सिद्धांतों के साथ किया गया था। इन परियोजनाओं का मूल्यांकन और उनके प्रभाव नीचे विस्तार से दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश में वृंदावन बाईपास
उत्तर प्रदेश में एक ग्रीनफील्ड परियोजना में 16.75 किलोमीटर लंबे वृंदावन बाईपास का निर्माण शामिल है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। इस परियोजना का उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्ग-44 और यमुना एक्सप्रेसवे के बीच सीधा संपर्क प्रदान करके वृंदावन में यातायात को कम करना है, जिससे यात्रा का समय डेढ़ घंटे से घटकर 15 मिनट रह जाएगा। इस परियोजना से संपर्क बढ़ने और क्षेत्र में पर्यटन, व्यापार और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इसके पूरा होने पर क्षेत्रीय पहुंच में सुधार और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मध्य प्रदेश में संदलपुर-बड़ी रोड
मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग-146बी के हिस्से, संदलपुर-बड़ी रोड पर 142.26 किलोमीटर लंबे चार-लेन राजमार्ग के निर्माण से जुड़ी एक ग्रीनफील्ड/ब्राउनफील्ड परियोजना है। इस परियोजना का उद्देश्य इंदौर और जबलपुर के बीच संपर्क में सुधार करना, यातायात प्रवाह को सुगम बनाना और भोपाल में भीड़भाड़ को कम करना है। यह प्रस्तावित मार्ग कई राष्ट्रीय राजमार्गों और विभिन्न आर्थिक और पर्यटन केंद्रों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण संपर्क सेतु होगा, जिससे इस क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
महाराष्ट्र में जुन्नर-तालेघर रोड
महाराष्ट्र के पुणे में जुन्नार से तालेघर तक 55.94 किलोमीटर लंबे मार्ग के सड़क उन्नयन से जुड़ी एक ब्राउनफील्ड परियोजना है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य भीमाशंकर, जुन्नार, बांकरफाटा और राष्ट्रीय राजमार्ग-61 के बीच संपर्क बढ़ाना है, जिससे सामान और यात्रियों की आवाजाही में वृद्धि होगी। इस सुधार से खासकर भीमाशंकर (एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल) और जुन्नार (ऐतिहासिक शिवनेरी किले का घर) में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।
महाराष्ट्र में भीमाशंकर-राजगुरुनगर रोड
यह महाराष्ट्र के पुणे में 60.45 किलोमीटर लंबे हिस्से में सड़क के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक ब्राउनफील्ड परियोजना है। यह परियोजना भीमाशंकर और राजगुरुनगर के बीच संपर्क को बेहतर बनाने, माल और यात्रियों की सुचारू आवाजाही की सुविधा प्रदान करके आर्थिक गतिविधियों और बाजारों तक पहुंच को बढ़ाने के लिए आवश्यक है। इसके अलावा यह परियोजना दूरदराज के समुदायों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार करेगी। इस बेहतर सड़क बुनियादी ढांचे से यात्रा का समय और लागत कम होगी, जिससे यात्रियों और कारोबारियों को लाभ होगा और क्षेत्र के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
जम्मू-कश्मीर के बडगाम में एक नए एकीकृत टर्मिनल भवन और संबद्ध बुनियादी ढांचे का विकास
यह जम्मू-कश्मीर के बडगाम में श्रीनगर हवाई अड्डे पर एक नए एकीकृत टर्मिनल भवन और संबद्ध बुनियादी ढांचे के निर्माण से जुड़ी एक ब्राउनफील्ड परियोजना है। इसमें किए जाने वाले विस्तार में 71,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में एक नया टर्मिनल भवन बनाना शामिल है, जिसमें 2,900 अति व्यस्त घंटों में यातायात और 10 मिलियन यात्रियों की सुगम आवाजाही की वार्षिक क्षमता होगी। अतिरिक्त कार्यों में नए पार्किंग बे, शहर के किनारे पार्किंग सुविधाओं और एएआई कर्मचारियों तथा सीआईएसएफ बैरकों के लिए आवासीय क्वार्टरों के निर्माण और अन्य विस्तार शामिल है।
एनपीजी ने पीएम गतिशक्ति के सिद्धांतों के संदर्भ में पांच परियोजनाओं का मूल्यांकन किया है, जिसमें मल्टीमॉडल बुनियादी ढांचे का एकीकृत विकास, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र के लिए अंतिम-बिंदु तक संपर्क सुनिश्चित करना, इंटरमॉडल कनेक्टिविटी और परियोजनाओं का समन्वित कार्यान्वयन शामिल है। इन परियोजनाओं से राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने, पर्याप्त सामाजिक-आर्थिक लाभ और लोगों का जीवन सुगम होने की उम्मीद है, जिससे इन क्षेत्रों के समग्र विकास में योगदान मिलेगा।

 

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