औरंगाबाद(विश्व परिवार)। उत्कृष्ट सिंह निष्क्रीडित व्रत कर्ता, साधना महोदधि, उभय मासोपवासी अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागरजी महाराज के संघ सान्निध्य एवं सौम्य मूर्ति उपाध्याय श्री पीयूष सागरजी महाराज के कुशल निर्देशन में होने जा रहा है।
आज के पल
प्रातः 04:15 बजे : दीप आराधन
तत्पक्षात विघ्नहर चिन्तामणि पारसनाथ भगवान का पंचामृत अभिषेक
प्रातः 09:00 बजे : मानस्तंभ महामस्तकाभिषेक
दोपहर 02:15 बजे – गुरू पाद पूजा एवं मंगल उदबोधन
आयोजक व निवेदकः
श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र कुलचाराम पार्श्वनाथ ट्रस्ट एवं प्रबंधकारिणी समिति, कुलचाराम, जिला मेदक, तेलंगाना अन्तर्मना आचार्य प्रसन्न सागरजी महाराज कुलचाराम हैदराबाद से
एक छोटी सी चींटी आपके पैर को काट सकती है,
पर आप उसका पैर नहीं काट सकते हैं..!
इसलिये जीवन में किसी को कमजोर और छोटा ना समझे। क्योंकि वह वो कर सकती है, जो आप नहीं कर सकते। हमें बड़ा आश्चर्य होता है! पत्थर एक बार मन्दिर गया, भगवान बन गया। और आदमी जिन्दगी भर मन्दिर गया, इंसान नहीं बन पाया। इसलिए आपका धर्म चाहे जो भी हो, अच्छे इंसान बनने का रोज प्रयास करो।
ध्यान रखना! अन्त में हिसाब कर्मो का होगा, धर्म का नहीं। कभी भी खुद से या जीवन से हार कर, जान देने की मत सोचना। जिन्दगी एक संघर्ष है इसे साहस पूर्वक जियो, मैदान छोड़कर मत भागो। स्वयं पर विश्वास रखो। एक दिन ऐसा भी आयेगा कि घड़ी किसी और की होगी, समय आपका होगा। फिर जीने का मजा ही कुछ ओर होगा।
सलिए भगवान के पास देर है, अन्धेर नहीं…!!!।
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