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” भारतीय संस्कृति के संवर्द्धन में आचार्य विद्यासागर महामुनिराज का अवदान ” विषय पर महावीर नगर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय विद्वत संगोष्ठी आज से – पूरे देश से सैकड़ों विद्वान होगें शामिल

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  • धर्म सभा में हुआ पार्श्व पुराण का वाचन
  • भारतीय संस्कृति ग्रहण करने की अपेक्षा त्याग पर जोर डालती है – प्रणम्य सागर महाराज

जयपुर(विश्व परिवार)। संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य अर्हं ध्यान योग प्रणेता मुनि 108 प्रणम्य सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में महावीर नगर जैन मंदिर के आचार्य विद्यासागर मंडपम् में गुरुवार से तीन दिवसीय राष्ट्रीय विद्वत संगोष्ठी का आयोजन होगा। संगोष्ठी में पूरे देश से सैकड़ों विद्वान शामिल होगें।
अध्यक्ष अनिल जैन एवं मंत्री सुनील बज ने बताया कि पंडित शीतल चन्द जैन के निर्देशन में आयोजित इस संगोष्ठी का विषय ” भारतीय संस्कृति के संवर्द्धन में आचार्य विद्यासागर महामुनिराज का अवदान ” रहेगा। डाक्टर विमल कुमार जैन एवं पंडित प्रद्युम्न शास्त्री संचालन करेगें।
उपाध्यक्ष दर्शन जैन बाकलीवाल के मुताबिक गुरुवार प्रातः 7.30 बजे से आयोजित होने वाली इस संगोष्ठी में तीन सत्र होगें।
इससे पूर्व बुधवार को आचार्य विद्यासागर मंडपम् में धर्म सभा का आयोजन हुआ। इस मौके पर मुनि प्रणम्य सागर महाराज के मुख से पारस पुराण का वाचन किया गया।
मुनि श्री ने कथा में
त्याग, अकिंचन व ब्रह्मचर्य धर्म पर प्रकाश डालते हुए कहा कि त्याग की महिमा दान से है। भारतीय संस्कृति ग्रहण करने की अपेक्षा त्याग पर जोर डालती है। त्यागने के बाद जो मन में विशुद्धि आती है, रिलीफ मिलता है, निश्चितता का भाव आता है, वही अकिंचन धर्म है ।ग्रहण और त्याग की प्रक्रिया को समीचीन के साथ चलाते हैं तो हमें संतोष मिलता है। अकिंचन धर्म को बताते हुए मुनि श्री ने कहा कि मेरा कुछ भी नहीं है। मैं तो अकेला हूं। हर चिंता से मुक्त हूं। सबके बीच में रहकर भी खुद को अकेला महसूस करना ही अकिंचन है। सभी चीजों को सहजता से लेना अकिंचन धर्म है। ब्रह्मचर्य को समझाते हुए मुनिश्री ने कहा कि ब्रह्मचर्य का पालन मतलब ब्रह्मनिष्ट होना है। इसका मतलब ब्रह्मचर्य है । मुनि श्री ने कहा कि हम बढ़ेंगे तो धर्म बढ़ेगा, उसकी क्वालिटी बढ़ेगी। बच्चों को देखने और जानने के संस्कार सही देंगे तो वह सही राह पर चलेंगे।
श्री पवन जैन तिजारा वाले ने बताया कि इससे पूर्व समाजश्रेष्ठी प्रहलाद राय जैन टोंक वाले, महेंद्र कुमार, नेमीचंद, जितेंद्र कुमार, वैभव जैन, महावीर नगर एवं
विमल कुमार – उषा गौरव जैन सोनी महावीर नगर परिवार ने चित्र अनावरण, दीप प्रज्वलन, पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेट का सौभाग्य प्राप्त किया। धर्म सभा में मन्दिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष अनिल जैन, उपाध्यक्ष दर्शन बाकलीवाल बस्सी वाले, मंत्री सुनील बज, सह मंत्री पवन जैन तिजारा वाले, कोषाध्यक्ष गिरीश बाकलीवाल, समाजश्रेष्ठी शीतल कटारिया, सुरेंद्र पांड्या, जस्टिस एन के जैन,हरिश चन्द धाडूका, जम्बू जैन बस्सी वालें,अशोक गंगवाल, राजेश गंगवाल, पदम पाटनी, सुधीर कासलीवाल नमन वास्तु, आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर मीरा मार्ग के अध्यक्ष सुशील पहाड़िया, मंत्री राजेन्द्र सेठी, सीए मनोज जैन, अरुण श्रीमाल, अशोक छाबड़ा, अरुण पाटोदी, विजय झांझरी एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे ।
मंत्री सुनील बज ने बताया कि महावीर नगर के दिगम्बर जैन मंदिर में गुरुवार को प्रातः 8.30 बजे मुनि प्रणम्य सागर महाराज के मंगल प्रवचन होगें ।
डाक्टर्स कान्फ्रेंस 27 अक्टूबर को –
प्रचार प्रभारी विनोद जैन कोटखावदा के मुताबिक मुनि श्री प्रणम्य सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में रविवार 27 अक्टूबर को दोपहर में जैन डाक्टर्स कान्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए बुधवार को डाॅ जी. सी जैन एवं डाॅ. सुनील जैन के नेतृत्व में मुनि श्री को श्रीफल भेट कर आशीर्वाद प्राप्त किया गया।
श्री जैन के मुताबिक 28 अक्टूबर को प्रातः 9.15 बजे महावीर नगर में मंदिर का भूमि पूजन एवं शिलान्यास होगा।
मुनि संघ का 29 अक्टूबर तक महावीर नगर में ही प्रवास रहेगा।

 

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