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भक्ति भाव से मनाया जैन धर्म के छठे तीर्थंकर भगवान पदमप्रभू का जन्म व तप कल्याणक

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  • विश्व वन्दनीय भगवान महावीर का 2551 वां निर्वाणोत्सव शुक्रवार 01 नवम्बर को
  • राजस्थान जैन सभा द्वारा भट्टारक जी की नसियां में होगा मुख्य आयोजन
  • दिगम्बर जैन मंदिरों में होगें पूजा अर्चना के विशेष आयोजन
  • जैन समाज का नया साल वीर निर्वाण सम्वत् 2551 का होगा शुभारंभ – जैन संतों के चातुर्मास का होगा निष्ठापन

जयपुर(विश्व परिवार)। विश्व वन्दनीय, जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर का 2551 वां निर्वाणोत्सव शुक्रवार 01 नवम्बर को भक्ति भाव से मनाया जावेगा ।इस मौके पर भट्टारक जी की नसियां में राजस्थान जैन सभा जयपुर द्वारा मुख्य आयोजन होगा।
इससे पूर्व प्रातः शहर के दिगम्बर जैन मंदिरों में पूजा अर्चना के विशेष आयोजन होगें ।
राजस्थान जैन सभा जयपुर के अध्यक्ष सुभाष चन्द जैन एवं महामंत्री मनीष बैद ने बताया कि मुख्य आयोजन राजस्थान जैन सभा जयपुर द्वारा नारायण सिंह सर्किल स्थित भट्टारक जी की नसियां में होगा।
सभा के मंत्री विनोद जैन ‘कोटखावदा’ ने बताया कि प्रातः 7:30 बजे से होने वाले इस आयोजन में सिविल लाइन विधायक गोपाल शर्मा एवं आईएएस रवि जैन विशिष्ट अतिथि होंगे।
श्री जैन के मुताबिक प्रातः 7.30 बजे से भगवान महावीर की संगीतमय पूजा अर्चना के बाद प्रातः 9.00 बजे मंत्रोच्चार के साथ मोक्ष का प्रतीक निर्वाण लाडू चढाया जायेगा।
निर्वाण लाडू महोत्सव पर
दिगम्बर जैन मन्दिरों में होंगे विशेष आयोजन
राजस्थान जैन युवा महासभा जयपुर के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन ‘कोटखावदा’ ने बताया कि शुक्रवार , 01 नवम्बर को भगवान महावीर का मोक्ष कल्याणक दिवस एवं 2551 वां निर्वाणोत्सव मनाया जावेगा । गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी दीपावली के दूसरे दिन निर्वाण लाडू चढ़ाया जाएगा।
श्री जैन के मुताबिक उत्तर पुराण में आचार्य गुणभद्र (7- 8 वीं शताब्दी) ने लिखा है कि 15 अक्टूबर,527 बीसीई कार्तिक कृष्णा अमावस्या स्वाति नक्षत्र के उदय होने पर भगवान महावीर ने सुप्रभात की शुभ बेला में अघातिया कर्मों को नष्ट कर निर्वाण प्राप्त किया था।उस समय दिव्यात्माओं ने महावीर प्रभू की पूजा की और अत्यंत दीप्तिमान जलती प्रदीप-पंक्तियों के प्रकाश में आकाश तक को प्रकाशित करती हुई पावां नगरी सुशोभित हुई। सम्राट श्रेणिक आदि नरेन्द्रों ने अपनी प्रजा के साथ निर्वाण उत्सव मनाया।उसी समय से प्रति वर्ष महावीर जैनेन्द्र के निर्वाण को अत्यंत भाव एवं श्रद्धा पूर्वक मनाया जाकर नैवेद्य (लाडू) से पूजा की जाती है।
श्री जैन ने बताया कि इसका उल्लेख प्रसिद्ध जैन ग्रंथ हरिवंश पुराण में भी हैं।जैन धर्म के तेईसवें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के 256 वर्ष साढ़े तीन माह बाद महावीर का जन्म हुआ था।72 वर्ष की उम्र के अन्त में श्री शुभ मिती कार्तिक कृष्णा चतुर्दशी के अन्त समय (अमावस्या के अत्यंत प्रातः काल) स्वाति नक्षत्र में मोक्ष लक्ष्मी को प्राप्त किया।उसी समय भगवान महावीर के प्रथम गणधर श्री गौतम स्वामी को केवल ज्ञान रुपी लक्ष्मी प्राप्त हुई और देवों ने रत्नमयी दीपकों का प्रकाश कर उत्सव मनाया।
मनाया पदमप्रभू का जन्म व तप कल्याणक महोत्सव 
राजस्थान जैन युवा महासभा जयपुर के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन ‘कोटखावदा’ ने बताया कि बुधवार 30 अक्टूबर को जैन धर्म के छटे तीर्थंकर भगवान भगवान पदमप्रभू का जन्म एवं तप कल्याणक महोत्सव मनाया गया । इस मौके पर प्रातः अभिषेक, शांतिधारा के बाद पूजा अर्चना की गई । पूजा के दौरान मंत्रोच्चार के साथ जन्म व तप कल्याणक अर्घ्य चढाया गया ।महाआरती के बाद समापन हुआ । दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र पदमपुरा में मुनि महिमा सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में प्रातः साजो के साथ पदमप्रभू पूजा विधान किया गया।
श्री जैन के मुताबिक शुक्रवार ,01 नवम्बर को भगवान महावीर का मोक्ष कल्याणक दिवस एवं 2551 वां निर्वाणोत्सव मनाया जावेगा । इस मौके पर मानसरोवर के वरुण पथ स्थित श्री दिगम्बर जैन मंदिर में आचार्य शशांक सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में, अग्रवाल फार्म स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर थड़ी मार्केट में उपाध्याय वृषभानन्द महाराज ससंघ के सानिध्य में, प्रतापनगर के सैक्टर 8 स्थित श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर में उपाध्याय उर्जयन्त सागर महाराज के सानिध्य में,दुर्गापुरा के श्री चन्द्रप्रभू दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि पावन सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में,
बरकतनगर के श्री चन्द्रप्रभू दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि अर्चित महाराज के सानिध्य में, मीरा मार्ग पर स्थित श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में अर्हं योग प्रणेता मुनि प्रणम्य सागर महाराज के सानिध्य में, कीर्ति नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि समत्व सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में, टौक रोड पर नांगल्या बीलवा के श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर में गणिनी आर्यिका नंगमति माताजी ससंघ के सानिध्य में विशेष आयोजन होगें तथा निर्वाण लाडू चढाया जावेगा ।
श्री जैन के मुताबिक
गोपालजी का रास्ता स्थित श्री दिगम्बर जैन मंदिर कालाडेरा (महावीर स्वामी ) में प्रातः 6.30 बजे मूल वेदी पर तथा प्रातः 8.00 बजे बाहर चौक में निर्वाण लाडू चढ़ाया जाएगा। सांगानेर के श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर संघीजी, आगरा रोड स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चूलगिरी, मोती सिंह भोमियो का रास्ता स्थित श्री दिगम्बर जैन मंदिर चौबीस महाराज, तारों की कूंट पर सूर्य नगर स्थित श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर सहित शहर के 250 से अधिक मंदिरों में पूजा अर्चना एवं निर्वाण लाडू चढ़ाने के विशेष आयोजन होगें।
वीर निर्वाण सम्वत् 2551 का होगा शुभारंभ-जैन संतों के चातुर्मास का होगा निष्ठापन
जयपुर -30 अक्टूबर -जैन धर्मावलम्बियों का नया साल वीर निर्वाण सम्वत् 2551 का कार्तिक कृष्णा अमावस्या,शुक्रवार, 01 नवम्बर को शुभारंभ होगा।
राजस्थान जैन युवा महासभा जयपुर के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन ‘कोटखावदा’ ने बताया कि इससे पूर्व वीर निर्वाण सम्वत् 2550 का समापन होगा।
श्री जैन के मुताबिक इसी दिन दिगम्बर जैन आचार्यों,मुनि, आर्यिकाओं, क्षुल्लक, क्षुल्लिकाओं के चातुर्मास का निष्ठापन एवं वर्षायोग का समापन होगा।
श्री जैन के मुताबिक इसी दिन आचार्य भरत सागर महाराज का 18 वां समाधि दिवस एवं सायंकाल भगवान महावीर के प्रथम गणधर गौतम स्वामी का केवल ज्ञान दिवस मनाया जाएगा।
इस मौके पर की साधु संतों द्वारा संयम का उपकरण पिच्छिका परिवर्तन भी किया जाएगा।
श्री जैन के मुताबिक जयपुर में वर्तमान में दस स्थानों पर दिगम्बर जैन संतों का चातुर्मास चल रहा है।

 

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