रायपुर(विश्व परिवार)। AIIMS रायपुर ने छत्तीसगढ़ के पहले जैव-सुरक्षा स्तर-3 (BSL-3) वायरोलॉजी लैब के भूमि पूजन के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। इस लैब को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है। इस कार्यक्रम का नेतृत्व AIIMS रायपुर के कार्यकारी निदेशक और CEO लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) ने किया, जिन्होंने राज्य में वायरस अनुसंधान और डायग्नोस्टिक्स को आगे बढ़ाने में इस लैब की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। यह लैब माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा संचालित होगी और उन्नत वायरस अनुसंधान में सहयोग करेगी। विभागाध्यक्ष डॉ. अनुदिता भार्गव ने एंटीवायरल दवाओं के विकास में इसकी
क्षमता को रेखांकित किया, वहीं लैब इंचार्ज प्रोफेसर डॉ. संजय नेगी ने सुरक्षित वातावरण में वायरस अनुसंधान के महत्व पर जोर दिया। इस परियोजना को भारत सरकार के एक प्रमुख उपक्रम, HLL लाइफकेयर लिमिटेड द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है, जो सुरक्षा और संचालन दक्षता के उच्चतम मानकों का पालन सुनिश्चित करता है। इसमें श्री रेजू स्कारिया और श्री साबरीनाथ जैसे प्रमुख अधिकारियों का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। यह सुविधा AIIMS रायपुर की स्वास्थ्य अनुसंधान को आगे बढ़ाने और क्षेत्र की वायरल खतरों से निपटने की क्षमता को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।