- मनः स्थिति का नाम संसार है जिसमें कोई बिखर जाता है, कोई निखर जाता है- आर्यिका सृष्टि भूषण
- शुक्रवार को पावागिरि की पावन धरा पर होगी भव्य आगुवानी।
- सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं वार्षिक मेला में मिलेगा पावन सानिध्य।
ललितपुर(विश्व परिवार)। सिद्ध क्षेत्र पावागिरि में 8 से 15 नवंबर तक सिद्ध चक्र महामंडल विधान एवं 17 से 20 नवम्बर तक वार्षिक मेला के आयोजन में सानिध्य प्रदान करने के लिए परमपूज्य आर्यिका गणिनी सृष्टिभूषण माता जी ने आशीर्वाद प्रदान किया है। अतः टीकमगढ़ में चातुर्मास पूर्ण कर आर्यिका गणिनी सृष्टिभूषण माता, विश्वयज्ञ मति माता एवं आप्तमति माताजी का विहार पावागिरि के लिए चल रहा है। विकासखंड तालबेहट अंतर्गत हसारकलां के विद्यालय में रात्रि विश्राम के उपरांत 7 नवंबर को आर्यिका माता का ससंघ मंगल प्रवेश ग्राम पूरा विरधा में हुआ तो जैन धर्माबिलंबियों ने ढ़ोल बाजों के साथ जयकारे लगाते हुए पाद पृच्छालन कर भव्य आगुवानी की। सुपार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर के दर्शन कर आर्यिका गणिनी सृष्टिभूषण माता जी धर्मशाभा को सम्बोधित करते हुए कहा मनः स्थिति का नाम संसार है जिसमें कोई बिखर जाता है, कोई निखर जाता है। कुछ भी मिल जाये लेकिन कभी तृप्ति नहीं हो सकती। जो इंसान से प्यार नहीं कर सकता वह भगवान से क्या प्यार करेगा? जिंदगी में कभी उदास मत होना, जिंदगी में कभी निराश मत होना। भगवान की कृपा से तुम्हें सब कुछ मिला है तुम उसे क्या दोगे यदि देना है तो दिल दे दो तुम्हारा कल्याण हो जायेगा। समता परिणाम रखकर जीवन में सहज होना सीखो, भगवान का मार्ग से पहले इंसानियत और मानवता होना चाहिए। आहारचर्या के उपरांत आर्यिका संघ का विहार ग्राम गुन्देरा के लिए हुआ जहाँ रात्रि विश्राम के उपरांत शुक्रवार को सिद्ध क्षेत्र पावागिरि की पावन धरा पर मंगल प्रवेश होगा। इस दौरान क्षेत्र प्रबंध समिति के अध्यक्ष ज्ञानचंद पुरा, कोषाध्यक्ष उत्तम चंद्र भड़रा, उपाध्यक्ष विशाल जैन पवा, सिंघई सुरेश चंद्र जैन बबीना, अमित जैन कड़ेसरा सहित सकल दिगम्बर जैन समाज विरधा एवं टीकमगढ़ का सक्रिय सहयोग रहा। संचालन अजय जैन आभार व्यक्त पुष्पेंद्र जैन ने किया।