कोल्हापूर(विश्व परिवार)। अखिल भारतवर्षिय दिगंबर जैन युवा परिषद के कार्याध्यक्ष श्री अभिषेक अशोक पाटील ने बताया कि धन्य है ये दिगंबर मुद्रा, हुवीन हडगली (कर्नाटक) में तेज बारिश में भी निरंतर ससंघ विहार कर रहे है आचार्य श्री विशुद्धसागरजी महाराज। नमोस्तु शासन को निरंतर जयवंत करने वाले दिगंबर जैनाचार्य विशुद्धसागर जी महाराज अत्यंत प्रेरणास्पद हैं ।
आपकी आगमानुसार चर्या, क्रिया सम्यक चारित्र का प्रकाशन करती है। आपकी मुद्रा में जिन मुद्रा का दर्शन मिलता है | धरती पर चलते – फिरते ‘ धरती के देवता ‘ हैं आप आचार्य श्री जिनसेन स्वामी जी ने लिखा है कि पंचमकाल में दिगंबर मुनि ही अरिहंत हैं। वर्तमान में पूज्य आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज हमारे महावीर ही हैं ।
आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज ससंघ के श्रवणबेलगोला कि ओर कदम बढ रहे है। संभवता 25/11/2024 की शाम को या 26/11/2024 की सुबह आचार्य श्री विशुद्धसागर जी ससंघ का भव्य मंगल प्रवेश दक्षिण भारत के सुप्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र गोम्मटेश बाहुबली श्रवणबेलगोला जी (कर्नाटक) मे होगा।
हुवीन हडगली के युवक शिखर जैन ने कहा कि हम सभी श्रावक – श्राविकाओं का सौभाग्य है कि आचार्य श्री विशुद्धसागर महाराज जी के संघ का दर्शन हमें मिला है। हमारे यहाँ भगवान महावीर स्वामी के प्रतिनिधी चलकर आए हैं l हमने भगवान महावीर स्वामीजी को तो नहीं देखा, किंतु ये दिगंबर मुद्रा भगवान महावीर स्वामी का दिग्दर्श कराती है l यह हम सबके श्रद्धा के केंद्र हैं , हमारे गुरू चर्याशिरोमणी आचार्य भगवन विशुद्धसागरजी महाराज हैं।
चर्या शिरोमणी आचार्य श्री विशुद्धसागर महाराज जी के चरण जहाँ पड जाते हैं, उस भूमी का कण -कण पवित्र हो जाता है। आप जैनदर्शन के एवं ‘ नमोस्तु शासन ‘ के उगते दिवाकर हैं | आचार्य श्री विशुद्धसागर महाराज जी जैनजगत को साहित्य का अनुपम उपहार दे रहे हैं ।
आगामी भव्य पंचकल्याणक श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र जैनरगुत्ती, हासन (कर्नाटक) 28 नबम्बर 2024 से 4 दिसम्बर 2024 तक हैं।