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जल, जंगल और जमीन की रक्षा में सदैव अग्रणी रहा है आदिवासी समाज- विधायक भावना बोहरा

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  • भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने में आदिवासी समाज का अभूतपूर्व योगदान– सांसद संतोष पाण्डेय
  • धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा की 150वीं जयंती पर कवर्धा में जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया
  • जनजातीय गौरव दिवस पर जिले के जनजातियों को प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत किया गया लाभान्वित
  • कार्यक्रम में विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी से शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं की दी गई जानकारी

कवर्धा(विश्व परिवार)। धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा की 150वीं जयंती पर कवर्धा के पीजी कॉलेज ऑडिटोरियों में जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जमुई बिहार में आयोजित राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह से वचुअर्ल माध्यम से जुड़कर जनजाति समाज को संबोधित किया। जिला स्तरीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद श्री संतोष पाण्डेय, विशिष्ट अतिथि के रूप में पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा शामिल हुए। मुख्य अतिथियों ने माता सरस्वती की प्रतिमा तथा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनजाति समाज की महत्वपूर्ण भूमिका और उनके योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि देश के प्रगति में जनजाति समाज का योगदान अभूतपूर्व है। इस दौरान सभी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उद्बोधन का श्रवण किया। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को भारत सरकार द्वारा शौर्य, लोक कला, संस्कृति की वैभवशाली विरासत, विकास और निर्माण में सशक्त भागदारी सुनिश्चित करने के लिए जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
जनजातीय गौरव दिवस पर बढ़ी संख्या में जनजाति समाज के लोग शामिल हुए और उन्होंने अपनी सांस्कृतिक धरोहर को गर्व के साथ प्रस्तुत किया। जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा के जीवन और उनके संघर्षों को याद किया गया। जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों द्वारा अपने विभाग से संबंधित योजनाओं का स्टॉल प्रर्दशनी लगाई गई जिसका अवलोकन किया गया। सांसद श्री पाण्डेय, पंडरिया विधायक श्रीमती बोहरा शासन द्वारा जनजातीय वर्ग के लिए संचालित किए जा रहे विभिन्न प्रकार के योजनाओं से हितग्राहियों को लाभन्वित किया गया। इस दौरान जनजातियों को प्रधानमंत्री आवास योजना, विद्युतीकृत सोलर पैनल, मसूर मिनीकिट प्रदान कर लाभान्वित किया गया। कॉलेज तथा स्कूली विद्यार्थियों द्वारा संस्कृति कार्यक्रम एवं भगवान बिरसा मुंडा की गौरवशाली इतिहास पर आधारित नाट्य की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर पूर्व विधायक श्री अशोक साहू, जनपद अध्यक्ष इंद्राणी चंद्रवाशी, जनपद उपाध्यक्ष श्री डॉ वीरेंद्र साहू, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विदेशी राम धुर्वे, श्री संतोष पटेल, श्री जसविंदर बग्गा, श्रीकांत उपाध्याय,श्री चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी, श्री पीयूष ठाकुर, कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा, जिला पंचायत सीईओं श्री अजय त्रिपाठी, सहित जनप्रतिनिधि, जनजातीय समाज के गणमान्य नागरिक एवं वरिष्ठजन उपस्थित थे।

सांसद संतोष पाण्डेय ने कहा कि 1947 में हमारा देश आजाद हुआ। उन्होंने देश के महान शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए कहा कि इनका नाम सदैव गौरव से लिया जाता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में शहीद वीर नारायण सिंह ने यहां की आदिवासियों के लिए आवाज उठी वैसे ही बिहार में भगवान बिरसा मुंडा ने वहां की संस्कृति, सभ्यता, परंपरा, रीति रिवाज के लिए संवारने का कार्य किया है। उन्होंने क्रांति का बीड़ा उठाया और आदिवासी, जनजातियों के संस्कृति की रक्षा सभ्यता को बचाने का कार्य किया है। संसद श्री पाण्डेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने बिरसा मुंडा की जयंती को पूरे देश में जनजातीय समाज को जोड़ने का माध्यम बनाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जनजातीय समुदाय को विशेष पहचान और सम्मान दिया है। आजादी के बाद भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने और उसे नई पहचान देने का जो कार्य हुआ, वह प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में संभव हुआ है। उन्होंने बस्तर के दशहरा, राजिम के महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रचारित करते हैं। सांसद श्री पाण्डेय ने कहा कि महापुरुष किसी एक समाज के नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की संपत्ति होते हैं। सूरदास, तुलसीदास, गुरु घासीदास, चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, भगत सिंह, वीर नारायण सिंह, सुरेंद्र सिंह और गुण्डाधुर जैसे महान चिंतकों और क्रांतिकारियों ने भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि जब-जब भारत माता पर कोई संकट आता है, हमारे देश के वीर सपूत अपने कर्तव्य का पालन करते हुए त्याग और बलिदान का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने जनजातीय गौरव दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हमारे देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, दोनों ही आदिवासी समाज से आते हैं। उन्होंने जनजातीय समाज के क्रांतिकारियों के योगदान को याद करते हुए कहा कि इन महान व्यक्तियों ने देश की रक्षा और आदिवासी संस्कृति को सहेजने के लिए अनुकरणीय कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज ने देशभक्ति की मिसाल कायम की है और अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष में साहस का परिचय दिया है। यह समाज सदैव जल, जंगल और जमीन की रक्षा करने में अग्रणी रहा है। कवर्धा और पंडरिया के आंचल क्षेत्रों में आज भी आदिवासी संस्कृति की झलक विभिन्न कार्यक्रमों में देखी जा सकती है। विधायक श्रीमती बोहरा ने कहा कि आदिवासी समाज ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वे लगातार जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत वनांचल क्षेत्रों में सड़क, आवास, अस्पताल, बिजली और घर निर्माण जैसे अनेक विकास कार्य किए जा रहे हैं। इन योजनाओं से जनजातीय समाज के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है और उनकी संस्कृति को भी संरक्षण मिल रहा है।
शासन की योजनाओं की प्रदर्शनी ने जनजाति समाज को किया आकर्षित
जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में लगाई गई विभिन्न विभागों की स्टॉल प्रदर्शनी ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। इनमें पंचायत एवं ग्रामीण विकास, पीएचई विभाग, क्रेडा, विद्युत, खाद्य विभाग, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, वन विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, मत्स्य पालन विभाग, पशुपालन एवं डेयरी, आदिमजाति, अनुसुचित जाति पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग और ई गवर्नेर्स की योजनाओं की जानकारी दी गई। लाभार्थियों ने इन योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल की और कई लोगों को लाभन्वित किया गया।

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