दिल्ली(विश्व परिवार)। यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, दिल्ली 92 के खेल परिसर में व्यवसायिक बैंक्वेट सुविधा के निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ होने से दिल्ली के यमुना पार क्षेत्र में भारी जन असंतोष है । खेल प्रेमियों और आम नागरिकों का मानना है कि प्रदूषण से जूझती दिल्ली में खेल कूद के लिए निर्धारित हरे भरे खेल परिसर के एक बड़े भाग को खत्म करके उसका बैंक्वेट हॉल की सुविधा के लिए व्यवसायीकरण का डीडीए का निर्णय पर्यावरण, जन स्वास्थ, खिलाड़ियों और खेल भावना के विपरीत है और इसके दूरगामी दुष्प्रभाव होंगे ।
यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स संघर्ष समिति के बैनर के अंतर्गत 500 से अधिक लोग इस निर्णय के विरोध में सक्रिय हो चुके हैं और लगातार बढ़ते जा रहे हैं । वे बैंक्वेट का काम तुरंत रोकने के लिए और डीडीए के इस व्यवसायिक निर्णय को खत्म करने के लिए लगातार प्रयत्नशील हैं । यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्रीय विधायक और डीडीए के बोर्ड में निदेशक श्री ओम प्रकाश शर्मा से भेंट करके उन्हें स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के परिसर में निर्माणाधीन बैंक्वेट हॉल के प्रोजेक्ट पर डीडीए की मंजूरी पर अपनी आपत्तियां बताईं और ज्ञापन दिया । उन्होंने इस विषय में आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया । उन्होंने डीडीए के इस निर्णय में बोर्ड की किसी भूमिका को नकारते हुए, इसे उच्चसीन अधिकारियों का डीडीए की आय बढ़ाने वाला व्यवसायिक निर्णय बताते हुए एल जी को और वाइस चेयरमैन डीडीए को अपने पत्र के साथ समिति द्वारा जारी ज्ञापन संलग्न कर भेजा ।
इसके पूर्व संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल ने क्षेत्रीय निगम पार्षद डॉ. मोनिका पंत, मंत्री, सांसद श्री हर्ष मल्होत्रा से भेंट करके ज्ञापन दिए थे, और उन्होंने भी कार्यवाही का आश्वासन दिया है । किन्तु समिति का मानना है कि पत्राचार और आश्वासन के अलावा कुछ कठोर कार्यवाही जन प्रतिनिधियों की ओर से जरूरी है । अन्यथा यह क्षेत्र की जनता और उनकी भावनाओं के साथ घोर अन्याय होगा ।
आदीश जैन दादा ने बताया कि यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स एक राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल और प्रशिक्षण सुविधाओं से युक्त देश के प्रतिष्ठित स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में से एक है और इसमें क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाएं भी हो चुकी हैं । इस गलत निर्णय से इस कॉम्प्लेक्स की छवि एक उच्चस्तरीय अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से व्यवसायिक बैंक्वेट हॉल और व्यवसायिक गतिविधियों के निचले स्तर तक भी पहुंच सकती है ।
संघर्ष समिति से जुड़े कुछ इंजीनियर और आर्किटेक्ट का यहां तक भी मानना है कि सुरक्षा की दृष्टि से और कानूनी तौर पर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के सेट बैक एरिया में जन सुविधाओं के अतिरिक्त किसी भी प्रकार का व्यवसायिक निर्माण दिल्ली के मास्टर प्लान के अनुच्छेदों का उल्लंघन है। किन्तु फिर भी डीडीए द्वारा स्वयं ही इसका उल्लंघन हो रहा है, जो चिंतनीय है । संघर्ष समिति से जुड़े कुछ एडवोकेट इस विषय में पी आई एल के जरिए कोर्ट में भी डीडीए के निर्णय पर स्टे और आर्डर को निरस्त कराने का प्रयास भी कर रहे हैं । कुल मिलाकर क्षेत्र के नागरिकों, कॉम्प्लेक्स के सदस्यों, क्षेत्र के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को डीडीए का बैंक्वेट हॉल का व्यवसायिक निर्णय स्वीकार नहीं है ।