Home आर्टिकल मानवाधिकार दिवस – के.के.पाठक

मानवाधिकार दिवस – के.के.पाठक

33
0

मानवाधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मनाया जाता है। यह उस दिन की याद दिलाता है जब 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अपनाया था।सामान्य जीवन यापन के लिए प्रत्येक मनुष्य के अपने परिवार, कार्य, सरकार और समाज पर कुछ अधिकार होते हैं, जो आपसी समझ और नियमों द्वारा निर्धारित होते हैं।भारतीय संविधान द्वारा प्रत्येक मनुष्य को कुछ विशेष अधिकार दिए गए हैं। मानव अधिकार से तात्पर्य उन सभी अधिकारों से है जो व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता एवं प्रतिष्ठा से जुड़े हुए हैं। यह सभी अधिकार भारतीय संविधान के भाग-तीन में मूलभूत अधिकारों के नाम से वर्णित किए गए हैं और न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय है, जि‍सकी भारतीय संविधान न केवल गारंटी देता है, बल्कि इसका उल्लंघन करने वालों को अदालत सजा भी देती है। वैसे तो भारत में 28 सितंबर, 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में लाया गया था और 12 अक्टूबर, 1993 में ‘राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग’ का गठन किया गया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर 1948 को दिवस मनाने का निर्णय किया।मानवाधिकार दिवस का मकसद लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हर व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के समान अधिकार मिलने चाहिए। मानवाधिकार दिवस के ज़रिए, हम उन लोगों और देशों के संघर्षों और प्रयासों को भी याद करते हैं, जो मानवाधिकारों की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं। मानवाधिकार दिवस का महत्व इस बात में है कि यह हमें याद दिलाता है कि हर इंसान को स्वतंत्रता, समानता, सम्मान, और अधिकार मिलने चाहिए। यह दिन हमें उन देशों और लोगों की संघर्षों और प्रयासों को याद दिलाता है, जो मानवाधिकारों की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं।
आज मानवाधिकार दिवस के शुभ अवसर पर आईये प्रण लें कि हम किसी के अधिकारों पर कुठाराघात न करें l

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here