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क्रिकेट संघ को आपत्ति प्रीमियर लीग शब्द से नही बल्कि पिछड़े, आदिवासी, वंचित एवं योग्य खिलाड़ियों को अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेलने से है : प्रवीण जैन

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रायपुर: छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट काउंसिल के प्रदेश संयोजक प्रवीण जैन ने प्रेस कांफ्रेंस कर छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ के इस बयान पर सवाल उठाया है कि संघ को सिर्फ प्रीमियर लीग नाम से आपत्ति है और कोई भी अनाधिकृत संस्था प्रीमियर लीग शब्दों का उपयोग अपनी क्षेत्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता के लिए नही कर सकती। प्रवीण जैन ने कहा कि बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष और मुंबई अध्यक्ष द्वारा इंडियन स्ट्रीट प्रीमियर लीग टी 10 टेनिस बॉल क्रिकेट प्रतियोगिता कराई जा रही है जबकि लोढ़ा कमेटी के अनुसार कोई भी बीसीसीआई के पदाधिकारी एक से ज्यादा लाभ के पद में नही रह सकता और टेनिस बॉल को प्रमोट भी नही कर सकता, इस प्रतियोगिता में देश के लाखों युवाओं से ट्रायल्स शुल्क के नाम पर हजारों रुपया वसूले जा रहे हैं जबकि इस प्रतियोगिता के बड़े बड़े सेलिब्रिटीज प्रायोजक हैं, क्या ये लोग अनाधिकृत संस्था के रूप में काम नहीं कर रहे और प्रीमियर लीग शब्द का उपयोग नहीं कर रहे? छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी ऐसी कई पेशेवर क्रिकेट प्रतियोगिता हो रही है जैसे कोरबा प्रीमियर लीग, बिलासपुर प्रीमियर लीग इनमें खेलने से क्रिकेट संघ के खिलाड़ियों पर कोई प्रतिबंध की धमकी नही दी जाती ना ही प्रीमियर लीग शब्द पर और खिलाड़ियों के ऑक्शन पर आपत्ति की जाती है, सिर्फ हमारे लिए ही क्रिकेट संघ द्वारा कठोर नियमों के सारे पैमाने तय किए जाते है। प्रवीण जैन ने कहा बीते दो वर्षों से हमारे द्वारा विभिन्न संस्थाओं के बैनर तले छत्तीसगढ़ प्रीमियर लीग टी 20 क्रिकेट प्रतियोगिता महिला एवं पुरुष वर्ग में कराई जा रही है और इस वर्ष हम एकदिवसीय सीरीज भी कराने जा रहे हैं, जिसमें प्रदेश के आदिवासी, पिछड़े और छोटे मझौले कस्बों से आए गरीब अभावग्रस्त, शोषित, वंचित और संघ द्वारा किनारे लगाए गए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने इन्हे अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की चकाचौंध दूधिया रौशनी के साथ प्रदेश के कई स्टेडियमों में अलग अलग परिस्थितियों में खिलाया जा रहा है तो इस बात से क्रिकेट संघ के कुछ पूर्णकालिक पदाधिकारियों के पेट में दर्द हो रहा है। क्रिकेट संघ द्वारा लगातार दोनो वर्ष प्रतियोगिता से पूर्व खिलाड़ियों को डराने धमकाने के साथ प्रदेश के कोच, पिच क्यूरेटर, अंपायर तथा हर टेनिकल व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप डराती धमकाती आ रही है कि यदि वे हमारी लीग में किसी भी तरह का सहयोग करेंगे तो उन्हे संघ द्वारा प्रतिबंधित कर उनका करियर चौपट कर दिया जायेगा, इसके बावजूद भी हमारी लीग सफलता के झंडे गाड़ते हुए लगातार तीसरे वर्ष प्रदेश में प्रवेश कर रही है, प्रवीण जैन ने बतलाया कि जनभागीदारी और खिलाड़ियों के सहयोग से यह टूर्नामेंट हम करते हैं और नाम मात्र के शुल्क पर खिलाड़ियों के लिए फिटनेस कैंप से लेकर उनके रुकने, रहने खाने, ट्रांसपोर्टिंग की व्यवस्था के साथ उन्हे राष्ट्रीय स्तर का मंच भी प्रदान करते हैं। प्रवीण जैन ने बतलाया कि जनवरी 2020 में लगातार हमारे द्वारा संघ के पदाधिकारियों से मुलाकात कर प्रदेश में पेशेवर क्रिकेट को बढ़ावा देने झीरमघाटी शहीद स्मृति छत्तीसगढ़ कप के नाम से आयोजन की संबद्धता एवं आवश्यक दिशानिर्देश के लिए लिखित, मेल एवं मौखिक प्रस्ताव रखा था लेकिन लगातार हमारे प्रस्ताव की उपेक्षा की गई, हमनें एक अन्य पत्र क्रमांक 09 दिनांक 10/10/21 के मध्यम से उनकी सभी नियमों और शर्तों को मानने और उनके अनुकूल प्रतियोगिता कराने का आग्रह भी किया गया, यहां तक कि तत्कालीन मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्यमंत्री सचिवालय से पत्र क्रमांक 5315/ मुमांस/2021 दिनांक 8/11/21 के मध्यम से भी क्रिकेट संघ एवं खेल सचिव को पत्राचार कर प्रतियोगिता हेतु आवश्यक सहयोग, मार्गदर्शन एवं अनापत्ति मांगी गई लेकिन संघ के पदाधिकारियों लगातार उपेक्षा करते रहे, दो वर्षों तक प्रयास के बाद आखिरकार थक हारकर हमारे द्वारा प्रदेश के खेल और खिलाड़ियों के हित में झीरमघाटी शहीद स्मृति में छत्तीसगढ़ प्रीमियर लीग नाम से प्रतियोगिता की शुरुवात फरवरी 2022 में की गई। इसके बाद नियमतः फर्म एवं सोसायटी छत्तीसगढ़ शासन के अंतर्गत छत्तीसगढ़ प्रदेश में पेशेवर क्रिकेट को हर तरीके से बढ़ावा देने के उद्देश्य से  छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट काउंसिल संस्था गठित की गई, जिसका लाभ आज प्रदेश के हजारों युवा खिलाड़ियों को मिल रहा है। ज्ञात हो कि क्रिकेट काउंसिल में क्रिकेट संघ से जुड़े किसी भी पदाधिकारी एवं खिलाड़ी को बिना एनओसी लाए ना तो लिया जाता है ना ही खिलाया जाता है, बल्कि हम उन खिलाड़ियों को अवसर देते हैं जिन्हे कहीं खेलने का अवसर नहीं मिलता। प्रवीण जैन ने कहा कि क्रिकेट संघ द्वारा अपने एक पत्र जो दिनांक 24/2/2022 में हमारे लिए यह उल्लेख किया था कि हम कोई भी प्रतियोगिता क्रिकेट संघ के खाली समय सारणी में आयोजित करें जिससे उनके खिलाड़ियों का नुकसान ना हो साथ ही उन्होंने अपने उल्लेखित पत्र में कहा है कि हमारा और उनका उद्देश्य एक समान है और हम छत्तीसगढ़ के क्रिकेट खिलाड़ियों के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं। अंत में प्रवीण जैन ने क्रिकेट संघ से मांग की है कि वे खेल और खिलाड़ियों के सर्वागीण विकास के लिए कुंठित मानसिकता से परे हटकर बड़ा दिल रखते हुए हमारा मार्गदर्शन करें, हम आज भी उनकी सभी नियमों और शर्तों के अनुरूप प्रदेश में खेल और खिलाड़ियों की भलाई में छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ के संरक्षण में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उनके अनुकूल समय सारणी में सभी प्रतियोगिताएं कराने का विश्वास दिलाते हैं, जिससे अधिक से अधिक खिलाड़ी भयमुक्त वातावरण में प्रतियोगिता का लाभ उठा सकें। प्रवीण जैन ने कहा है कि हम एक बार पुनः क्रिकेट संघ से संवाद स्थापित करने का प्रयत्न करेंगे और उनसे अपेक्षा करेंगे कि वे छत्तीसगढ़ में क्रिकेट और खेल खिलाड़ियों के हित में हमारा मार्ग प्रशस्त करेंगे।

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