- दुश्मन अंदर भी हैं, बाहर भी, उनकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखना जरूरी
नई दिल्ली(विश्व परिवार)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, सुरक्षा के मोर्चे पर भारत बहुत भाग्यशाली देश नहीं है। हमारी सेना उत्तरी और पश्चिमी सीमा लगातार चुनौतियों का सामना कर रही है। हम शांत, बेफिक्र होकर नहीं बैठ सकते। हमारे दुश्मन, चाहे अंदर हों या बाहर, वे हमेशा एक्टिव रहते हैं।
राजनाथ ने आगे कहा कि इन परिस्थितियों में, हमें उनकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखनी चाहिए। उनके खिलाफ सही समय पर बेहतर और प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
रक्षा मंत्री ने ये बातें मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में सेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहीं। राजनाथ महू छावनी में दो दिन के दौरे पर आए हैं। आज दौरे का दूसरा दिन है।
चीन के साथ भारत की 3 हजार 488 किमी लंबी सीमा भारत की चीन के साथ 3 हजार 488 किमी लंबी सीमा लगती है, जो तीन सेक्टर्स ईस्टर्न, मिडिल और वेस्टर्न में बंटी हुई है। ईस्टर्न सेक्टर में सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा चीन से लगती है, जिसकी लंबाई 1 हजार 346 किमी है। मिडिल सेक्टर में हिमाचल और उत्तराखंड है, जिसकी लंबाई 545 किमी है। और वेस्टर्न सेक्टर में लद्दाख आता है, जिसके साथ चीन की 1 हजार 597 किमी लंबी सीमा है।
चीन अरुणाचल प्रदेश के 90 हजार स्क्वायर किमी के हिस्से पर अपनी दावेदारी करता है। जबकि, लद्दाख का करीब 38 हजार स्क्वायर किमी का हिस्सा चीन के कब्जे में है।
इसके अलावा 2 मार्च 1963 को चीन- पाकिस्तान के बीच हुए एक समझौते में पाकिस्तान ने कक्य का 5 हजार 180 स्क्वायर किमी चीन को दे दिया था। कुल मिलाकर चीन ने भारत के 43 हजार 180 स्क्वायर किमी पर कब्जा जमा रखा है। जबकि, स्विट्जरलैंड का एरिया 41 हजार 285 स्क्वायर किमी है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 3 दिसंबर को भारत-चीन सीमा विवाद पर संसद को जानकारी दी थी।