बीजापुर (विश्व परिवार)। बस्तर के पत्रकार मुकेश चंद्रकार (28) की हत्या पर नक्सलियों ने भी दुख जताया है। यही नहीं उन्होंने इस पूरे हत्याकांड की जांच के लिए भी प्रशासन से मांग की है।
अमूमन अपनी खुद की ही जन अदालत लगाकर न्याय का दावा करने वाले नक्सली पत्रकार की हत्या के मामले में सरकार से जांच और न्याय की मांग कर रहे हैं।
इस संबंध में माओवादियों की ओर से एक प्रेसनोट भी जारी किया गया है। माओवादियों की दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की प्रवक्ता समता ने प्रेस नोट जारी कर इस घटना की निंदा की है। माओवादियों ने पत्रकार की हत्या की कड़ी निंदा की करते हुए खेद व्यक्त किया है। उन्होंने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की जांच की मांग की है।
मुकेश ने नक्सलियों से कराई थी कोबरा कमांडो की रिहाई
मुकेश चंद्राकर नक्सलियों और सरकार के बीच कई मामलों में मध्यस्थ का काम भी करत थे। नक्सलियों के कब्जे से कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को रिहा कराने वाली मध्यस्थ टीम में वे भी शामिल थे। जवान को रिहा कराने में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। मुकेश एक दशक से बस्तर,नक्सली मुठभेड़ और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर खोज परख रिपोर्टिंग कर रहे थे। उन्होंने भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर भी किया है। वे बस्तर जंक्शन नाम का यूट्यूब चैनल भी चलाते थे। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि वे भी मुकेश से नक्सल समस्या के संबंध में सुझाव लिया करते थे।