• श्रावक-श्राविकाओं ने पाद प्रक्षालन कर आरती उतारी
• शीत लहर पर दिगम्बर भेष भारी….
• प्रातःकाल की बेला में भीषण सर्दी में करगुंवाजी से पदविहार कर शहर पधारें
• एक जला हुआ दीप हजारों बुझे हुए दीपकों को प्रज्ज्वलित कर देता हैं: मुनिश्री विलोकसागर
झांसी (विश्व परिवार)। जहां एक ओर कम्बलों और स्वेटरों में देह कांपती हो वहीं दूसरी ओर हाड़ कंपा देने वाली प्रातः काल की इस भीषण सर्दी में वीरभूमि झांसी नगर में त्याग और तपस्या के अद्भुत उदाहरण दिगम्बर जैन मुनिश्री विलोकसागर जी महाराज एवं मुनिश्री विबोधसागर जी महाराज का जैन तीर्थ करगुँवाजी से चलकर शहर क्षेत्र के कटरा मौहल्ला स्थित श्री अतिशयकारी पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आगमन हुआ। मुनिसंघ के आगमन पर हर्षित जैन समाज के श्रावक-श्राविकाओं ने जगह जगह घरों व प्रतिष्ठान के बाहर रंगोली बनाकर पाद प्रक्षालन कर आरती उतारी। इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विलोकसागर जी महाराज ने अपनी दिव्यवाणी में कहा कि एक जला हुआ दीप हजारों बुझे हुए दीपकों को प्रज्ज्वलित कर देता है उसी प्रकार संत मुनि हजारों लोगों का कल्याण कर देते हैं। धर्मसभा में मंगलाचरण सौरभ जैन (बैंक) ने किया। तत्पश्चात वरिष्ठ समाजसेवी आनन्द ड्योडिया, संजीव जैन चिरगांव, एंजी.हुकुमचंद जैन, संजय सिंघई, खुशाल जैन, अजय जैन बीड़ी वाले, आशीष जैन माची, पदमचन्द मिट्ठया, अंकित सर्राफ, वरुण जैन, जितेन्द्र चौधरी, एंजी. एम. के.जैन दीनदयालनगर, प्रमोद जैन बब्बा, अशोक जैन नगरा, अलंकार जैन, प्रमोद जैन वैरायटी, अमित जैन छोटू, अंकुर जैन, शुभम जैन जैरी, विवेक जैन विक्की, विकास जैन चिरगांव आदि ने पूज्य मुनिसंघ के चरणों में श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद ग्रहण किया। तत्पश्चात आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित श्रीमति सरोज जैन (अध्यक्षा जैन महिला समाज), कल्पना जैन, पिंकी जैन, सीमा नायक, सुषमा जैन, ममता जैन, संगीता जैन, नेहा जैन, राखी जैन, नीतू जैन,प्रियंका जैन आदि ने किया। धर्मसभा का संचालन सौरभ जैन सर्वज्ञ एवं आभार खुशाल जैन ने व्यक्त किया। इस अवसर पर सौरभ जैन सर्वज्ञ ने बताया कि पूज्य मुनिश्री का प्रवास शहर क्षेत्र के कटरा मौहल्ला स्थित श्रमण संस्कृति भवन (संत निवास) में रहेगा। कटरा जैन मंदिर में प्रतिदिन प्रातः 8:30 बजे मंगल प्रवचन एवं सायं 6:30 बजे गुरुभक्ति, आरती, जिज्ञासा समाधान (प्रश्न मंच) का आयोजन संत निवास में होगा।