Home अयोध्या आस्था-अस्मिता व अर्थव्यवस्था को नया आयाम दे रही अयोध्या

आस्था-अस्मिता व अर्थव्यवस्था को नया आयाम दे रही अयोध्या

32
0
  • देश-विदेश से प्रतिदिन आने लगे डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु
  • अयोध्या के आसपास के पर्यटन स्थलों से दस गुना तक बढ़ी श्रद्धालु की संख्या
  • स्थानीय लोगों की आय तीन गुना से ज्यादा बढ़ी

अयोध्या (विश्व परिवार)। सैकड़ों वर्षों के सतत् संपर्ष के बाद श्रीराम सन्मभूमि पर दिश- भव्य औराम मंदिर का निर्माण हुआ तो देश-विदेश के असंख्य सनातनपर्मियों की आस्था प्रश्वर, विस्तारित एवं समृद्ध हुई है। अयोध्या की धार्मिक आस्था के साथ अर्थव्यवस्था भी समृद्धि की यह पर है। अयोग्या में जहां पहले प्रतिदिन चार-पांच हजार श्रद्धालुओं का आगमन होता था, अब वहां श्रीरामलता का दिव्य-भव्य मंदिर बनने के बाद प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु पहुंच रहे है। अगर कहें कि अयोध्या आज भारत की आस्था-अस्मिता के साथ संपूर्ण अर्थव्यवस्था को भी नया आयाम दे रही है तो अतिश्योक्ति नहीं होना चाहिए अयोध्या में ऐसा नहीं कि 22 जनव्सी 2024 को श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के पहले बाहरी श्रद्धालुओं का आगमन नहीं होता था। दूर-दूर से लोग आते थे लेकिन कुछ विशेष पर्यो पर ही। अब संभवतः ऐसा कोई दिन हो, जिस दिन अयोध्या में डेढ़ से दो लाख लोगों का आगमन न होता हो। प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों के आगमन व उनके ठहराव से लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। डेढ़-दो वर्ष पूर्व जो व्यक्ति अयोध्या में किसी भी प्रकार के कारोबार से हर दिन पांन्न छह सौ रुपए की आग पाता था, अब उसकी भी डेढ़ से दो हजार रुपए से ऊपर की आमदनी हो रही है।
दीपोत्सव ने दी अंतर्राष्ट्रीय
प्रसिद्धि उत्तरप्रदेश में वर्ष 2017 में जब योगी आदित्यनाथ सरकार बनी तो अयोध्या में हर साल दीपोत्सव का आयोजन होने लगा। दीपावली से एक दिन पूर्व छोटी दिवाली पर लाखों दीये प्रज्जवलित तो रामनगरी में होते हैं, पर इनकी दीप्ति सात समंदर पार तक अयोध्या की ख्याति को समृद्ध करती है। गत वर्ष 25 लाख से अधिक दीये एक साथ जलाए गए तो अवोच्या ने अपना ही रिकॉर्ड तो तोड़ा है।
पर्यटकों का सततृ आगमन, ठहराव नहीं मंदिर बनने के बाद से अयोध्या में बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए आ रहे हैं और होटलों में रुक रहे हैं तो लोगों को विविध प्रकार से रोजगार मिला है। कहा जा सकता है कि पहले की अपेक्षा अर्थव्यवस्था में काफी सुधार हुआ है, लेकिन अभी पर्यटकों का आगमन ही हो रहा, पर ठहराव नहीं। अगले पांच वर्ष में जब मंदिर निर्माण पूरा हो जाएगा, कई परियोजनाएं पूर्ण हो जाएंगी तो पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। इसससे निश्चित रूप से लोग यहां रुकने लगेग और निवेश की मात्रा भी बढ़ जाएगी। वहीं डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री प्रो आशुतोष कुमार सिन्हा भी मानते है कि राम मंदिर के निर्माण ने बहुत कुछ बदता है और अर्थव्यवस्था को सुदुह किया है

प्रतिदिन आरती का समय मंगला आरती सुबह 4.30 से 5 बजे तक श्रृंगार आरती सुबह 6.30 बजे भोग आरती दोपहर 12.00 बजे संख्या आरती शाम 7.30 बजे तक।
मार्च तक प्रथम तल पर श्रीराम दरबार की प्रतिष्ठा की जाएगी अयोध्या। राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि श्रीराम मंदिर का भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल के साथ मंदिर के अंदर आइकोनोग्रॉफी के सभी काम मार्च तक पूरा कर लेंगे। मार्च तक ही प्रथम तत्त पर राम दरबार की प्रतिष्ठख की जाएगी। द्वितीय तल के गर्भगृह में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के रामायण जो आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं, उनको रखा जाएगा। बताया कि मंदिर में लगे 370 पिलर पर जो मूर्तियां बनाई जा रही है, उनका कार्य भी जल्द पूर्ण कर लिया जाएगा।
एसटीपी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट डबल्यूटीपी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, फावर पोस्ट भवन व इलेक्ट्रिकल सर्विसेज भवन को 15 दिन के अंदर ट्रस्ट को हैंडओवर कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राम मंदिर के अधिकतम कार्य सितंबर तक पूरे कर लिए जाएंगे।
यही नहीं राम मंदिर परिसर के 20 एकड़ जमीन में तीन माह के अंदर बास व पेड़ पौधे लगाकर वनस्पति सौंदर्य की भी व्यवस्था की जाएगी। परकोटा पानी राम मंदिर के परिक्रमा मार्ग के कार्य की चुनौती अभी बनी हुई है। इसमें तीन लाख क्यूबिक फीट पत्थर लगाए जाने हैं।
अयोध्या की अर्थव्यवस्था महानगरों से मुकाबला करेगी: देश-विदेश के लोगों के आने के कारण ही अयोध्या में डेडिसन, मैरिएट, ओबराय, तान, डोमिनोज जैसे बड़े औद्योगिक समूहों ने होटल-रेस्टोरेंट खोल लिए है। ये बड़े-बड़े होटल प्रतिदिन लाखों का कारोबार तो कर ही रहे हैं, प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी अपना योगदान प्रदान कर रहे हैं।
वर्तमान में अयोध्या में लगभग 65 पंजीकृत होटल-रेस्टोरेंट हैं तो 1056 पंजीकृत होम स्टे खुले हैं। यदि गैर पंजीकृत को भी मिला दें तो होटलों की ही संख्या 100 से अधिक है। इस दृष्टि से माना जा रहा कि अगले पांच वर्षों में अयोच्ना की अर्थव्यवस्था महानगरों का मुकाबला करने लगेगी।
15 करोड़ पहुंचेगी श्रद्धालुओं की संख्या आस्था एवं श्रद्धालुओं की लम्बी प्रतिक्षा के बाद आस्था के केंद्र राम मंदिर निर्माण ने अयोध्या का वास्तविक सौंदर्य तो निखारा ही है, पर्यटकों का आकर्षण भी चुराया है।
पहले जहां वर्ष भर में डेड-वे करोड़ श्रद्धालुओं का ही यहां आगमन होता था, अब 12-13 करोड़ भक्तगण यहां आने लगे है। पर्यटन विभाग के उप निदेशक राजेंद्र प्रसाद यादव कहते हैं कि गत वर्ष अयोध्या में लगभग 13 करोड़ पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं का आगमन हुआ है। आने वाले कुछ वर्षों में जब अयोध्या में संचालित कुछ पर्यटन व विकास योजनाएं पूर्ण हो जाएंगी तो यह संख्या लगभग 15 करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है।
प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को भी पीछे छोड़ाः वर्तमान में भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या भारत की आस्था का नया केंद्र बन चुकी है। भारत में औराम के पाम की पहचान अब नए पर्यटक स्थलों के रूप में हो रही है।
आंग्ल नववर्ष की शुरुआत करने जितने भक्त अयोध्या पहुंचे, उतने शिमला, कुल्लू, मनाली, आगरा, श्रीनगर जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर भी नहीं पहुंचे। विशेष बात यह है कि अयोध्या में जैसे-जैसे मंदिर का काम पूरा होता जा रहा जैसे- वैसे भक्तों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
अगर वर्ष 2024 में 13 से करोड़ भक्त पहुंचे हैं तो यह 14 संख्या इस वर्ष 2025 में दोगुनी हो जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होना चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here