(विश्व परिवार)जेईई मेंस के परिणाम जारी हो चुके हैं, जिनमें परीक्षार्थियों के परसेंटाइल तय हुए हैं। अप्रैल में जेईई मेंस-2 परीक्षा होगी, जिसके बाद रैंक तय होगी। वहीं, अब लगातार इंजीनियरिंग से जुड़ी कई परीक्षाएं आयोजित होंगी। मई के अंतिम सप्ताह में जेईई एडवांस परीक्षा होगी, इसलिए परीक्षार्थियों को कड़ी मेहनत करनी होगी। परीक्षार्थियों को बायोलाजिकल क्लाक के साथ ही अपने कमजोर विषयों को लेकर भी प्लान बना लेना चाहिए। इसके साथ तरोताजा रहने के लिए योग व ध्यान के लिए भी कुछ समय निकालना पड़ेगा।
विषय विशेषज्ञ केके शर्मा बताते हैं कि जेईई एडवांस के लिए अभी से तैयारी शुरू करनी होगी। तीन महीने बाद एडवांस की परीक्षा होगी। इस बीच अन्य परीक्षाएं भी होंगी। फिलहाल सीबीएसई और एमपी बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं। परीक्षार्थियों को सबसे पहले बोर्ड परीक्षा पर फोकस करना चाहिए। इसके बाद एक बार कक्षा 11वीं का सिलेबस भी रिवाइज भी करें। बोर्ड परीक्षाओं के बाद बाद अप्रैल में मेंस-2 देनी होगी, जिसमें परिणाम आने के बाद रैंक तय होगी। इसके बाद अन्य परीक्षाएं आएंगी। अब परीक्षार्थियों को दिमागी तौर पर मजबूत होने की जरूरत है, क्योंकि परीक्षा कठिन होगी।
अपनी बायोलाजिकल क्लाक अपडेट करें
विषय विशेषज्ञ केके शर्मा ने बताया कि परीक्षार्थियों को सबसे पहले अपनी बायोलाजिकल क्लाक अर्थात दिनचर्या के अनुसार अपनी गतिविधियों को अपडेट करना चाहिए। तैयारी में यह सबसे अहम भूमिका निभाती है। जिस विषय में कमजोर हैं, उसे लेकर प्लान जरूर बनाएं, ताकि सभी विषय की बेहतर तैयारी हो सके। पढ़ाई के साथ ही योग, ध्यान और रनिंग को भी समय दें। इस दौरान खानपान का ध्यान भी रखें। खाने में विटामिन-सी और तरल पदार्थ लें, जिससे तरोताजा रहेंगे और दिमाग चलेगा। साथ ही बीमारियों से लड़ने की शक्ति भी बढ़ेगी।
98.5 परसेंटाइल से अधिक वाले करें एडवांस की तैयारी
विषय विशेषज्ञ विजित जैन ने बताया कि जिन परीक्षार्थियों के जेईई मेंस-1 में 98.5 परसेंटाइल से अधिक हैं, उन्हें एडवांस की तैयारी करना चाहिए। सबसे पहले बोर्ड परीक्षाओं पर फोकस करें। इसके बाद अपने परसेंटाइल के हिसाब से जेईई मेंस-2 और एडवांस पर ध्यान दें। ड्राप लेने वाले परीक्षार्थियों का कोर्स पूरा नहीं हो पाया था, इसलिए पहली मेंस में बेहतर परसेंटाइल नहीं मिलें। अंत: इन परीक्षार्थियों को मार्च तक कोर्स पूरा करना चाहिए। इसके बाद ही मेंस-2 की तैयारी शुरू करना चाहिए। मेंस-1 में 8 स्लाट में पेपर आए थे। सभी स्लाट में एक चीज कामन थी कि कैमेस्ट्री के सवाल सरल थे। जो परीक्षार्थी कैमेस्ट्री ठीक से नहीं कर पाए हों, उन्हें मेंस-2 के लिए हर दिन दो घंटे कैमेस्ट्री की एनसीईआरटी जरूर पढ़ना चाहिए।
रुटीन को फालो करें
जैन ने बताया कि जो बच्चे एडवांस की तैयारी कर रहे हैं, वे एडवांस में जो अलग चैप्टर आने वाले हैं, उन्हें अलग से पढ़ें। उसकी तैयारी अभी से करनी होगी। कोशिश करें कि सप्ताह में दो दिन पेपर जरूर दें। एडवांस में एक ही दिन में दो पेपर देने होंगे। पहला पेपर सुबह 9 से 12 और दूसरा पेपर 2 से 5 बजे तक होगा। आमतौर पर विद्यार्थी 9 से 12 बजे वाला पेपर दे देते हैं, लेकिन 2 से 5 बजे वाले पेपर में थक जाते हैं। इसलिए अभी से अपनी बाइलोजिकल क्लाक पर काम करना शुरू कर दें। सुबह 7 बजे उठें, देर रात तक पढ़ाई करने की आदत से दूर रहें। 8 से दोपहर 12 बजे तक एक स्लाट में पढ़ाई करें। इसके बाद रेस्ट करें, लेकिन सोना नहीं। फिर 2 से 5 बजे तक पढ़ाई करें। शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक पढ़ाई करें। ऐसा करने से परीक्षा तक आदत हो जाएगी।