HIGHLIGHTS
- छह बच्चे होने के बावजूद दाने-दाने को मोहताज बुजुर्ग l
- विधिक सेवा प्राधिकरण ने भरण पोषण दिलाने के लिए की कार्रवाईl
रायपुर। तीन बेटों और तीन बेटियों के दिव्यांग बुजुर्ग पिता अमरनाथ (काल्पनिक नाम) को गुजारे के लिए भीख मांगनी पड़ रही है। वह सपने में भी यह नहीं सोचा होगा कि छह बच्चे होने के बावजूद उसे बुढ़ापे में दाने-दाने को मोहताज होना पड़ेगा। बेटों के अत्याचार से परेशान होकर घर छोड़कर सड़क पर भीख मांगकर पेट भरने को विवश बुजुर्ग को आखिरकार न्याय मिलने की उम्मीद है।
बेटों ने हवा भरने वाले पंप से हमला कर किया घायल
बुजुर्ग ने बताया कि बेटों ने साइकिल में हवा भरने वाले पंप से उनके सिर पर हमला करके घायल कर दिया था। इस हमले में उनके सिर में 13 टांके लगे थे। बड़ी मुश्किल से इलाज कराकर ठीक हो पाए हैं। कभी सब्जी बेचकर तो कभी भीख मांगकर किसी तरह से अपना पेट पालते आ रहे हैं। बुजुर्ग की दर्दनाक दास्तां को सुनकर मिश्रा उन्हें रेक्स्यू कर अपनी कार से विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय लेकर आए।
इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी को दी। उनके निर्देश पर बुजुर्ग को निश्शुल्क करुणा योजना के तहत सहायता दिलाने की कार्रवाई शुरू की। सचिव मिश्रा ने पैरालीगल वालेंटियर्स आशुतोष तिवारी, प्रतिधारक अधिवक्ता सुशीला पटेल को मामले की निश्शुल्क पैरवी करने नियुक्त किया।
पीड़ित पिता को वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण अधिनियम 2016 की जानकारी देते हुए अधिवक्ताओं ने बताया कि उनका प्रकरण न्यायालय में पेश करने आवेदन तैयार किया जा चुका है। जल्द ही न्यायालय में परिवाद दायर कर उनके बेटे-बेटियों को तलब कर जानकारी लेने के साथ ही भरण-पोषण दिलाने की कार्रवाई की जाएगी।
बुजुर्ग को पुनर्वास केंद्र भिजवाया
जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी ने दिव्यांग बुजुर्ग को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी आदेश पर पूरे राज्य भर में चलाए जा रहे प्रयास अभियान के तहत राहत दिलाने को कहा। प्राधिकरण के पैरालीगल वालेंटियर रवि शुक्ला ने दिव्यांग बुजुर्ग को भिक्षुक पुनर्वास केंद्र पहुंचाया।