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परम पूज्य चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज को महाराष्ट्र सरकार से 1 फरवरी से 25 मार्च महाराष्ट्र प्रवास तक राज्यकीय अतिथि घोषित किया गया : श्री सागर संभूशेटे

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नांदणी (विश्व परिवार)। नांदणी पंचकल्याणक के कार्याध्यक्ष श्री सागर संभूशेटे जी ने अवगत कराया की विधायक श्री राहुल प्रकाश जी आवाडे, इचलकरंजी जी के विशेष प्रयत्न से परम पूज्य चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज को महाराष्ट्र सरकार द्वारा 1 फरवरी 2025 से 25 मार्च 2025 तक महाराष्ट्र प्रवास तक राज्यकीय अतिथि घोषित किया गया हैं |
जयदु जिणिंदो महावीरों | परम पूज्य चर्या शिरोमणि आचार्य भगवन श्री विशुद्धसागर जी महाराज को कर्नाटक सरकार द्वारा भी सन 2024 में कर्नाटक प्रवास तक राज्यकीय अतिथि घोषित किया गया था।
उत्तर भारत की उज्जयनी नगरी में जब बारह वर्षीय का अकाल पड़ा, उसी समय अंतिम श्रुतकेवली भद्रबाहु स्वामी ने अपने ज्ञान से जान लिया कि आने वाले समय में यहां पर अकाल पडऩे वाला है | तभी अंतिम श्रुतकेवली भद्रबाहु स्वामी जी चंद्रगुप्त सहित बारह हजार मुनियों के साथ दक्षिण भारत में चंद्रगिरि पर्वत पर आत्म साधना करने आए थे। उस समय दक्षिण भारत में जैन धर्म पहले से ही प्रचलित था।
जिस प्रकार अंतिम श्रुतकेवली भद्रबाहु स्वामी उत्तर से दक्षिण आकर जैनधर्म का प्रचार किया था, उसी प्रकार हेरले, जैनरगुत्ती (कर्नाटक ), नांदणी, रुकडी, पंढरपूर, मुंबई, जालना पंचकल्याणक पूजा महोत्सव हेतू प. पू जिनसेन भट्टारक पट्टाचार्य महास्वामीजी, नांदणी के नेतृत्व में वर्तमान के भद्रबाहू स्वामी जी को आचार्य विशुद्धसागर महाराज जी और उनके 32 शिष्यों के संघ को उत्तर से दक्षिण नांदणी चौमासा 2024,नांदणी पंचकल्याणक 2025 एवं धर्म प्रभावना हेतू लाये थे।
आगामी भव्य पंचकल्याणक महोत्सव आढीव पंढरपूर (महाराष्ट्र ) में 1 फरवरी 2025 से 5 फरवरी 2025 तक हैं | 28 फरवरी 2025 से 5 मार्च 2025 तक शिरसाड मुंबई पंचकल्याणक संपन्न होगा | उसके उपरांत जालना पंचकल्याणक महोत्सव का आयोजन हुआ हैं।

 

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