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प्रथमाचार्य श्री शांतिसागर जी ने जिनवाणी को ताम्र पत्र पर अंकित कराने की प्रेरणा देकर जैन धर्म पर महान उपकार किया है- आचार्य श्री वर्धमान सागर जी

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पारसोला (विश्व परिवार)। वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी 33 साधु सहित पारसोला में विराजित है।पारसोला दिगंबर जैन समाज अनन्य गुरुभक्त समाज है, जिन्होंने किए संकल्प वचन का पालन कर आचार्य श्री शांति सागर जी के आचार्य पद शताब्दी प्रतिष्ठापना महोत्सव अंतर्गत शांतिसागर जी उद्यान में प्रतिमा विराजमान कर उद्यान का लोकार्पण कराया। इसके पूर्व पंचकल्याणक प्रतिष्ठा पश्चात आचार्य श्री शांति सागर जी की प्रतिमा समवशरण मंदिर में स्थापित की। पूरे देश में पारसोला प्रथम नगर है जहां पर आचार्य श्री शांतिसागर जी की दो प्रतिमाएं विराजित हुई है। यह मंगलधर्म देशना पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन अवसर पर महती धर्म सभा में व्यक्त की।ब्रह्मचारी गजु भैया राजेश पंचोलिया अनुसार आचार्य श्री ने आगे बताया कि आचार्य श्री शांति सागर जी ने गृहस्थ अवस्था में भी पशुबलि तथा श्रमण अवस्था में बाल विवाह जैसी कुरीतियों को दूर करने की प्रेरणा दी। आपने जिनवाणी के संरक्षण के लिए ताम्र पत्र पर अंकित करने की प्रेरणा दी मुंबई,आरा और फल फ़लटन तीन स्थानों पर तांबे के पत्रों पर जिनवाणी के प्रमुख ग्रंथो को अंकित कराया है। पारसोला समाज ने उद्यान निर्माण कराया है यद्यपि निर्माण कार्य जारी है बड़े हाल भी बने हैं इसमें आचार्य शांति सागर जी के जीवन को दर्शाने वाले चित्रों का चित्रांकन जरूरी है ताकि समाज चित्रों के माध्यम से आचार्य श्री शांति सागर जी के जीवन चारित्र को देखे ,समझे और जीवन में उतारने का प्रयास करें, तभी यह उद्यान बनाने की सार्थकता होगी। जयंतीलाल कोठारी ऋषभ पचोरी संपत सेठ अमरेश सेठ ने बताया कि आज
डॉ रेखा जैन जयपुर, जयंतीलाल कोठारी, ऋषभ पचौरी वर्धमान युवा मंडल सहित अनेक लोगों ने कमरे बनाने की स्वीकृति प्रदान की। आचार्य संघ सानिध्य में नवीन धार्मिक पुस्तकों का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। इसके पूर्व प्रातः प्रथमाचार्य श्री शांतिसागर आचार्य पद प्रतिष्ठापना शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में पारसोला में दो दिवसीय कार्यक्रम अन्तर्गत पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्धमान सागर जी संघ सानिध्य में 31 जनवरी को प्रातः श्रीजी के पंचामृत अभिषेक पूजन के पश्चात आचार्य श्री वर्धमान सागर जी संघ सानिध्य में संहितासूरी प्रतिष्ठाचार्य पण्डित हंसमुख शास्त्री धरियावद के निर्देशन में पंडित कीर्तिश पारसोला,पण्डित विशाल के सहयोग से आचार्य श्री शांतिसागर जी की प्रतिमा का आकार शुद्धिकरण वास्तु पूजन आचार्य श्री शांतिसागर जी की महापूजन हवन कार्यक्रम हुआ बेदी शुद्धिकरण कार्य एवं कलश यात्रा पश्चात आचार्य श्री शांति सागर जी के बिंब प्रतिमा की स्थापना आचार्य श्री वर्धमान सागर जी सानिध्य में की गई ।आचार्य श्री वर्धमान सागर जी के प्रवचन के पूर्व आचार्य श्री के चरण प्रक्षालन ओर जिनवाणी भेंट का सौभाग्य सम्पत अमरेश सेठ परिवार को मिला। नृत्य मंगलाचरण सभा का विसर्जन के पूर्व प्रथमाचार्य श्री शांति सागर उद्यान में दो मंजिला भवन ओर उद्यान में विभिन्न आर्थिक दान दाताओं का श्री समाज पारसोला द्वारा सुमति लाल डागरिया उदयपुर सुनील जवेरी मुंबई , पूजा दीदी ,सहित अनेकों दाताओं का तिलक माला श्रीफल ।पगड़ी स्मृति चिन्ह से सम्मान किया गया । दो दिवसीय कार्यक्रम में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सहित देश के अनेक राज्यों से गुरु भक्त पधारे।

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