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बस्तर के विकास के लिए शुरु होगी ‘नियद नेल्ला नार’ योजना, आदिवासियों को मिलेगी ये सुविधाएं

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16 फरवरी 2024
रायपुर (विश्व परिवार):-
 विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर के विकास के लिए ‘नियद नेल्ला नार’ योजना शुरू करने की घोषणा की है। नियद नेल्ला नार योजना का मतलब आपका अच्छा गांव है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह योजना पुलिस कैंप से लगे 5 किलोमीटर क्षेत्र तक के गांव में लागू होगी।

इस योजना के तहत बस्तर के आदिवासियों को कई मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा जाएगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से कई सुविधाएं अब तक आदिवासी क्षेत्रों में नहीं पहुंची है। वह बुनियादी सुविधाएं बस्तर के गांव-गांव तक पहुंचाई जाएगी। इस योजना के जरिए सरकार आदिवासी क्षेत्रों में सरकारी भवन बनाएगी। फ्री बिजली के कनेक्शन दिए जाएंगे। बैंक और एटीएम खोले जाएंगे। सड़क बनाने का अभियान चलेगा। मोबाइल टावर लगाए जाएंगे।

इन जिलों में लागू होगी योजना

सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर में विकास कैंप (पुलिस कैम्प) के आसपास के गांव में यह योजना लागू होगी। पिछले कुछ दिनों से लगातार अलग-अलग इलाको में नए पुलिस कैंप खोलने अभियान चलाए जा रहे थे। इन्हीं कैंपों के आसपास आपका अच्छा गांव योजना शुरू की जाएगी।

इंफ्रास्ट्रक्चर होगा विकसित

प्रधानमंत्री आवास दिए जाएंगे, प्राथमिक शालाएं खोली जाएगी।
आंगनबाड़ी केंद्र बनेंगे, सामुदायिक भवन और महतारी सदन बनाए जाएंगे।
पेयजल के लिए हर बसाहट में हैंडपंप की सुविधा दी जाएगी।
गांव के केंद्र में हाई मास्ट सोलर लाइट लगाई जाएगी।
युवाओं के लिए खेल मैदान, उप स्वास्थ्य केंद्र, पशु चिकित्सालय बनेंगे।
गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए सड़क बनेगी।
हर बसाहट में मनोरंजन के लिए केंद्र बनेंगे, जहां पांच टीवी सेट डीटीएच के साथ लगाए जाएंगे।
ब्लॉक मुख्यालय और जिला मुख्यालय में छात्रावास की व्यवस्था की जाएगी।
आर्थिक विकास के प्रयास
सभी किसानों को सम्मान निधि दी जाएगी। सभी लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे।
पीडीएस के तहत राशन और अन्य चीजें निशुल्क दी जाएंगी।
प्रत्येक परिवार को निशुल्क उज्जवला गैस कनेक्शन दिया जाएगा।
हर घर को आगामी 1 साल तक 500 यूनिट तक फ्री बिजली दी जाएगी।
सार्वजनिक स्थलों पर निशुल्क विद्युत आपूर्ति होगी।
किसानों के लिए बीज की व्यवस्था होगी, कौशल उन्नयन की योजनाएं संचालित होंगी।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर वन उपज की खरीदी होगी। वन धन केंद्र बनाए जाएंगे।
गांव में बैंक सखी की नियुक्ति होगी और माइक्रो एटीएम की व्यवस्था होगी।
आवश्यकता अनुसार वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाएगा।
वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत वन अधिकार पत्र दिए जाएंगे।

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