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गरियाबंद के वार्ड क्रमांक 1 में त्रिकोणीय मुकाबला

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गरियाबंद (विश्व परिवार)। नगरपालिका गरियाबंद के वार्ड क्रमांक 1 में कांग्रेस के प्रत्याशी ने पिछले कार्यकाल में जीत हासिल की है। वहीं इस बार जनता की अपेक्षाएं हैं कि वार्ड पार्षद वार्ड ही का प्रत्याशी रहे।वार्ड क्रमांक 1 में कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशियों की स्थिति के बारे में जानकारी है कि ,निर्दलीय प्रत्याशी की बढ़ती लोकप्रियता का उल्लेख देखने को मिलता है। हालांकि, उपलब्ध स्रोतों में पैरी कॉलोनी के वार्ड क्रमांक 1 की जानकारी अनुसार जनता का निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन मिल रहा है वही भाजपा प्रत्याशी भी बढ़ चढ़कर जन समर्थन में हिस्सा ले रहे हैं, किंतु कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व पार्षद होने के चलते जनता उनके ऊपर भी विचार विमर्श करने पर मजबूर है। जनता के बीच एक ही संकट उत्पन्न हो रहा है कि कांग्रेस प्रत्याशी किसी दूसरे वार्ड से है, जिसके चलते जनता विवस एवं मजबूर है, जनता के मुताबिक राष्ट्रीय दल कांग्रेस बीजेपी या फिर किसी निर्दलीय प्रत्याशी जनता को साधने में सफल हो पाएगी।निर्दलीय प्रत्याशियों को जनता वार्ड पार्षद के रूप में स्वीकार करेगी या नहीं, यह चुनाव परिणाम आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि जनता ने किसे पार्षद के रूप में स्वीकार किया है।
निर्दलीय प्रत्याशी कांग्रेस और भाजपा दोनों को दे रहे है कड़ी टक्कर
गरियाबंद। (विश्व परिवार) आगामी नगर पालिका चुनावों में, वार्ड क्रमांक 15 से कांग्रेस के पूर्व पार्षद रितिक सिन्हा का टिकट कटने के बाद, उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। इस कदम से वे कांग्रेस और भाजपा दोनों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं और उन्हें भारी जन समर्थन मिल रहा है। हालांकि, उपलब्ध स्रोतों में वार्ड क्रमांक 15 के निर्दलीय प्रत्याशी के बारे में विशिष्ट जानकारी नहीं मिली है। इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि टिकट वितरण से असंतुष्ट नेता निर्दलीय रूप से चुनाव लड़कर प्रमुख दलों को चुनौती दे रहे हैं और जनता का समर्थन प्राप्त कर रहे हैं। उदाहरण के लिए वार्ड क्रमांक 12 में कांग्रेस से टिकट कटने के बाद पुनाराम यादव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं । कुल मिलाकर, निर्दलीय उम्मीदवार की सफलता मुख्य रूप से उसकी व्यक्तिगत छवि, जनसंपर्क, और स्थानीय मुद्दों एंव पकड़ पर निर्भर करती है। यदि वह जनता का विश्वास जीतने में सफल होता है, तो उसे बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ भी जीत मिल सकती है।

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