नेहरू युवा केंद्र के कश्मीर यूथ एक्सचेंज कार्यक्रम के समापन समारोह में डीजी रतनलाल ने दिया प्रेरक उद्बोधन
रायपुर (विश्व परिवार)। याद रखिए आप इस धरती का भविष्य है। अगर आप ठान लें, तो कोई भी ताकत आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। आपमें वह जज्बा है, जो पूरी दुनिया में बदलाव ला सकता है। शिक्षा को सबसे बड़ी प्राथमिकता बनाइए। अपने सपनों को ऊंचा रखिए और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत कीजिए। फिर आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
उक्ताशय के विचार आईपीएस डायरेक्टर जनरल आॅफ पुलिस रतन लाल डांगी ने नेहरू युवा केंद्र के कश्मीर यूथ एक्सचेंज (वतन को जानो) कार्यक्रम के समापन समारोह में कही।
जम्मू- कश्मीर के युवाओं को संबोधित करते हुए डांगी ने कहा कि कश्मीर की वादियों ने हमेशा बहादुर, मेहनती और बुद्धिमान लोगों को जन्म दिया है। यह भूमि सिर्फ खूबसूरती के लिए नहीं जानी जाती, बल्कि अपनी संस्कृति, ज्ञान और संघर्ष की कहानियों के लिए भी प्रसिद्ध है। युवाओं के बिना किसी भी समाज की प्रगति संभव नहीं है। आप सभी अपने भीतर अपार क्षमता रखते हैं। जिस तरह एक बीज में विशाल वृक्ष बनने की शक्ति होती है, उसी तरह आप में भी अपने जीवन को ऊंचाइयों तक ले जाने की ताकत है।
उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि सिर्फ शिकायतें करने और दूसरों को दोष देने से कुछ नहीं बदलेगा। हमें अपने समाज को आगे ले जाना है, तो हमें खुद आगे बढ़कर बदलाव लाना होगा। आज हमारे सामने शिक्षा, रोजगार, शांति और विकास जैसी चुनौतियां हैं, लेकिन हमें यह याद रखना होगा कि चुनौतियां अपने साथ अवसर लेकर आती हैं।
डांगी ने आगे कहा कि नफरत और हिंसा से कई समाधान नहीं निकलता। एकजुटता, भाईचारा और आपसी सहयोग से ही हम एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर सकते हैं। हमारी असली ताकत हमारी शिक्षा, मेहनत और संकल्प है। आज का युग ज्ञान और विज्ञान का है। अगर हमें अपने सपनों को पूरा करना है, तो शिक्षा को अपनी सबसे बड़ी ताकत५ बनाना होगा। दुनिया में हर सफल व्यक्ति की सफलता के पीछे उसकी शिक्षा और मेहनत होती है। हम शिक्षित होंगे, तो अपने साथ समाज का भी भविष्य संवारेंगे।
उन्होंने कहा कि आज के समय में नौकरी पाना हर युवा की प्राथमिकता होती है, लेकिन हमें केवल सरकारी नौकरियों के पीछे नहीं भागना चाहिए। हमें खुद को उद्यमिता की ओर भी ले जाना चाहिए। खेती, पर्यटन, आॅनलाइन बिजनेस न जाने ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां हम अपनी पहचान बना सकते हैं। आज पुरी दुनिया स्टार्टअप और नये विचारों की ओर बढ़ रही है। आत्मनिर्भरता ही आपकी असली आजादी है।
रतनलाल ने कहा कि कश्मीर में कुछ दशकों से बढ़ी अशांति पर विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि हिंसा, नफरत और टकराव से कोई समाधान नहीं निकलेगा। हम जितना एक- दूसरे से जुड़ेंगे, जितना मिलकर काम करेंगे, उतना ही हमारा समाज मजबूत होगा। अगर हमें कश्मीर को फिर से स्वर्ग बनाना है तो हमें एकता और भाईचारे को बढ़ावा देना होगा। हमें अपने अंदर की नकारात्मकता को छोड़कर सकारात्मक सोच को अपनाना होगा। इस मौके पर नेहरू युवा केंद्र के छत्तीसगढ़ राज्य प्रमुख निदेशक अतुल निकम सहित अन्य अधिकारियों और महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष अजय मधुकर काले ने शाल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर उनका सम्मान किया।