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अवैध रूप से विदेश में रहने वाले नागरिकों को वापस लेना सभी देशों का दायित्व

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  • अमेरिका से भारतीयों की बेदखली पहली बार नहीं 16 सालों में 15,652 को वापस भेजा-जयशंकर

नई दिल्ली (विश्व परिवार)। विरोध के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में भारतीयों के निर्वासन मुद्दे पर अपना जवाब दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह सभी देशों का दायित्व है कि यदि उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रहते हुए पाए जाते हैं तो उन्हें वापस बुला लें। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा निर्वासन का आयोजन और कार्यान्वयन आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। दुष्टश्च द्वारा उपयोग किए जाने वाले विमान द्वारा निर्वासन का स्हक जो 2012 से प्रभावी है, संयम के उपयोग का प्रावधान करता है। हमें आईसोई द्वारा सूचित किया गया है कि महिलाओं और बच्चों को रोका नहीं जा सकता है।
एस जयशंकर ने कहा कि हम अमेरिकी सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए बातचीत कर रहे हैं कि लौटने वाले निर्वासित लोगों के साथ किसी भी तरह का दुव्यवहार न हो। विपक्षी दलों के कई सांसदों ने अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस भेजने के तरीके को लेकर बृहस्पतिवार को सरकार की आलोचना की तथा प्रवासियों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर सवाल उठाए। बुधवार को एक अमेरिकी सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा। अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप सरकार द्वारा निर्वासित भारतीयों का यह पहला जत्था है। निर्वासित लोगों ने दावा किया कि पूरी यात्रा के दौरान उनके हाथ-पैरों में हथकड़ी लगी रही और अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद ही उन्हें खोला गया।
विदेश मंत्री ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी सरकार से संपर्क कर रहे हैं कि निर्वासित लोगों के साथ किसी भी तरह का दुव्यवहार न हो। साथ ही, सदन इस बात की सराहना करेगा कि हमारा ध्यान अवैध आप्रवासन उद्योग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर होना चाहिए। निर्वासित लोगों द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर, कानून प्रवर्तन एजेंसियां ? ? एजेंटों और ऐसी एजेंसियों के खिलाफ आवश्यक, निवारक और अनुकरणीय कार्रवाई करेंगी। एस जयशंकर ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि वे प्रत्येक लौटने वाले (अमेरिका से निर्वासित भारतीयों) के साथ बैठें और पता लगाएं कि वे अमेरिका कैसे गए, एजेंट कौन था, और हम कैसे सावधानी बरतें ताकि यह जारी न रहे। उन्होंने कहा कि कानूनी गतिशीलता को प्रोत्साहित करना और अवैध आवाजाही को हतोत्साहित करना हमारे सामूहिक हित में है। यह सभी देशों का दायित्व है कि यदि उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रहते हुए पाए जाते हैं तो उन्हें वापस बुला लें। निर्वासन की प्रक्रिया कोई नई नहीं है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि कल 104 लोग वापस आये। हम ही हैं जिन्होंने उनकी राष्ट्रीयता का सत्यापन किया है। हमें यह नहीं समझना चाहिए कि यह कोई नया मुद्दा है।
अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकाले जाने संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इस पर अमल करते हुए अमेरिकी प्रशासन ने सी-17 सैन्य विमान से 104 भारतीय लोगों के एक समूह की अमेरिका से वापस भेज दिया है। 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार दोपहर अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। सूत्रों ने इन बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फ्लाइट दोपहर 1.55 बजे लैंड हुई। इन निर्वासित किए गए लोगों में से 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से और दो चंडीगढ़ से हैं। हालांकि अभी निर्वासित लोगों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इससे पहले की रिपोर्टों में दावा किया गया था कि अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 205 अवैध अप्रवासियों को ले जा रहा था।

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