- छत्रपति संभाजीनगर मांगीतुंगी में 108 फीट भगवान
महाराष्ट्र (विश्व परिवार)। ऋषभदेव मूर्ति निर्माण समिति के अध्यक्ष डॉ. पन्नालाल बालचंद पापड़ीवाल (91) ने शुक्रवार को सुबह करीब 11 बजे स्वर्ग के लिए प्रयाण किया। उन्होंने आदिवासी क्षेत्र मांगीतुंगी में अपने जीवन के 20 वर्ष बिताकर भगवान ऋषभदेव की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनवाने का असंभव कार्य पूरा कर दिखाया। यह उपलब्धि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज की गई है। उनके पश्चात पत्नी, दो लड़कों, तीन लड़कियों, नाती-पोतों का परिवार है।
डॉ. पापड़ीवाल महाराष्ट्र पशु एवं पक्षी बली प्रतिबंधक समिति के अध्यक्ष थे। उन्होंने 1990 से 1995 के बीच मांगीर बाबा यात्रा, चिवरी यात्रा आदि कई स्थानों पर जागरूकता अभियान
चलाकर भक्तों को पशु-पक्षियों की बलि देने से परावर्तित करने का कार्य किया। उन्होंने लगातार 27 वर्षों तक दिगंबर जैन तीर्थयात्रा समिति, महाराष्ट्र राज्य के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उन्होंने राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर जैन समुदाय की विभिन्न समितियों में लंबे समय तक काम किया।
उन्होंने पैठण नगरपालिका की विभिन्न समितियों के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और लगातार 27 वर्षों तक पार्षद रहे। वह पैठण में प्रतिष्ठान कॉलेज के संस्थापक सचिव थे। उन्होंने राजस्थान युवा परिषद के अध्यक्ष का पद भी संभाला। उन्होंने पैठण जैन तीर्थ स्थल पर विभिन्न पदों पर 60 वर्षों तक काम किया।
उनकी अंतिम यात्रा शाम चार बजे आर्यनंदी कालोनी, वेदांत नगर स्टेशन रोड से रवाना हुई। उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार अयोध्या नगरी श्मशान घाट पर किया गया। इस अवसर पर राजनीतिक, धार्मिक, व्यापारिक, सामाजिक एवं विभिन्न संगठनों से जुड़े हजारों नागरिक उपस्थित थे।