बिलासपुर (विश्व परिवार)। हरियाली से आच्छादित, स्वच्छ, सुंदर और शांतिपूर्ण रेलवे कालोनी पर अब खतरा मंडराने लगा है। बुधवारी बाजार से लेकर तोरवा थाने तक दुकानों के सामने अतिक्रमण हो चुका है। सड़क के दोनों ओर ठेले और फेरीवालों का कब्जा है। रेलवे कालोनी में इन दिनों बिल्डर और कई प्राइवेट कंपनियां भ्रामक विज्ञापन कर रेलकर्मियों को बड़ी आसानी से झांसा दे रही हैं। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर मंडल की कालोनी में लगातार ठेले और फेरीवालों सहित बाहरी असामाजिक तत्वों की संख्या बढ़ रही है। कभी सड़क पर एक दुकान लगते ही आरपीएफ और इंजीनियरिंग विभाग सतर्क हो जाता था।
तत्काल दुकानों को हटाने पहुंच जाते थे। फेरीवालों के आइडी तक चेक किए जाते थे। आलम यह था कि रेलवे स्टेशन के आसपास गुटखा, तंबाकू तथा कोई भी सामान ट्रेनों में बेचने वालों को तुरंत पकड़कर कार्रवाई की जाती थी। अब यह ठंडे बस्ते में चला गया है। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है। आरपीएफ दिखावे के लिए सुबह दुकानें हटाती है, शाम को फिर लग जाती हैं। वहीं इंजीनियरिंग विभाग कागजों में चेतावनी देकर चुप हो जाता है। वर्तमान स्थिति ये है कि बुधवारी बाजार में इन दिनों सैकड़ों ठेले और फेरीवाले आ गए हैं। किसी के पास न तो इनकी जानकारी है ना पूछना जरूरी। ठेले में समान लेकर अब वे प्रतिदिन रेल कालोनी के क्वार्टर के साथ अधिकारियों के बंगले भी झांकने लगे हैं। ऐसा न हो कि किसी दिन कोई हादसा हो जाए और सुरक्षा धरी की धरी रह जाए।
बंगाली स्कूल चौक पर मजमा
नारियल पानी के नाम पर बंगाली स्कूल चौक पर रोजाना मजमा लगा रहता है। रात 12 बजे तक यहां हलचल रहती है। गर्मी के दिनों में स्थिति और भी चिंताजनक। रेल अधिकारियों की मेहरबानी से रेलवे परिक्षेत्र में अब कई स्थायी दुकानें लगने लगी हैं। इसे वाहनों के नाम पर संचालित किया जा रहा है। आइसक्रीम के नाम पर रात तक दुकान जगमग रहती है। यह स्थिति तारबाहर में भी है।
रेलवे स्कूल से तोरवा थाना तक
रेलवे स्कूल से तोरवा थाना तक अतिक्रमण के कारण शाम को यहां कार व बाइक से गुजरना मुश्किल होता है। भीड़ की वजह से परिवार वालों को काफी परेशानी होती है। बाजार प्रबंधक भी इस ओर कोई ध्यान नहीं देता। केवल दुकानदारों से दैनिक शुल्क वसूली में लगे रहते हैं। इसी शुल्क के वजह से अतिक्रमण करने वालों के हौसले बुलंद हैं।
जुआ, सट्टा और नशा
रेलवे कालोनी के गजरा चौक, चुचुहियापारा अंडर ब्रिज, तोरवा चौक, बुधवारी पुराना पोस्ट आफिस रोड, तारबाहर अंडरब्रिज और बंगला यार्ड ये ऐसे स्थान है जहां जुआ, सट्टा और अब नशे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। ऐसा नहीं है कि पुलिस व आरपीएफ को इसकी जानकारी नहीं है। सबकुछ जानते हुए भी अपनी जेब गरम करने में लगे हैं। इसका नुकसान समाज को हो रहा है।