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छत्तीसगढ़ की लोक कला संस्कृति को जीवित रखना हम सब का दायित्व है- भूपेश बघेल

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भिलाई (विश्व परिवार)। गुरु घासीदास कला एवं साहित्य विकास समिति के द्वारा संस्कृति विभाग के सहयोग से गनियारी लोक कला महोत्सव के समापन एवं सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गनियारी लोक कला महोत्सव की प्रशंसा करते हुए कहा कि 16 वर्षों तक लोक कला महोत्सव का आयोजन करना बहुत कठिन काम होता है लेकिन निर्मल कोसरे एवं उनके साथियों ने छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति को जीवित रखने का जो प्रयास किया है उसके लिए बधाई के पात्र हैं। छत्तीसगढ़ की पहचान हमारी लोक कला संस्कृति से हैं जिसको जीवित रखना हम सब का दायित्व है। गनियारी जैसे छोटे से गांव में इतना बड़ा लोक कला महोत्सव करना काफी कठिन काम है लेकिन समिति के साथियों के परिश्रम एवं ग्राम वासियों के सहयोग से यह सफल हो पाया है। हमने छत्तीसगढ़ की संस्कृति , यहां के तीज-त्यौहार, खेलकूद ,खान- पान को संरक्षित रखने का प्रयास किया, जिसके चलते न केवल शहरों में अपितु ग्रामीण अंचलों में भी छत्तीसगढ़ के संस्कृति की छटा नजर आती है। छत्तीसगढ़ के पंथी, पंडवानी, करमा, ददरिया, सुआ, राउत नृत्य जैसे विधाओं ने भारत के साथ विश्व में अपना लोहा मनवाया है। हमने 5 सालों तक अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया। हरेली, तीजा, कर्मा जयंती पर छुट्टी घोषित किया। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के माध्यम से छत्तीसगढ़ के परंपराओं को जीवित रखने का प्रयास किया।
समिति के अध्यक्ष एवं नगर निगम भिलाई चरोदा के महापौर श्री निर्मल कोसरे ने कहा कि महोत्सव आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अंचल के कलाकारों को मंच प्रदान करने के साथ-साथ लुप्त होती छत्तीसगढ़ की लोक विधाओं को जीवित रखना है।
विशिष्ट अतिथि राजेन्द्र साहू एवं सुजीत बघेल ने भी कार्यक्रम की प्रशंसा की।
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि अहिवारा विधायक डोमन लाल कोर्सेवाडा ने गनियारी लोक कला महोत्सव की प्रशंसा करते हुए कहा कि मैं 2013 में भी इस महोत्सव में शामिल हुआ था तब छोटे स्तर में आयोजन होता था लेकिन 16 वर्षों में गनियारी लोक कला महोत्सव ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना लिया है।
पद्मश्री डॉ आर एस बारले एवं पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सीता साहू ने भी कार्यक्रम का सराहना किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम आदर्श बाल जस झांकी परिवार बोदल जिला बालोद,कुमारी हेमलता पटेल के भरथरी, कुमारी मिथलेश्वरी सेन के रामायण, सत्य के प्रचार पंथी मंडली पिटौरा जिला दुर्ग, जय श्री गणेश फाग मंडली भटगांव जिला धमतरी, अबूझ माडिया गौर नृत्य खरगोन नारायणपुर, सुर भैया गोरेलाल बर्मन एवं विवेक शर्मा नाइट ने रात भर दर्शकों को मंत्र मुक्त कर दिया।
सम्मान समारोह इस अवसर पद्मश्री डॉ आर.एस. बारले,लीलागर सिंह वर्मा, अप्पल नायडू, दास मनोहर, ध्रुव कुमार मारकंडे, बुटलू राम माथरा, कुमारी हेमलता पटेल का मुख्य अतिथि के हाथों सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में महापौर निर्मल कोसरे , धर्मेंद्र कोसरे, गौरी बंजारे, राजू लहरे, हेमंत कोसरे, धन सिंह कोसरे ,हेमचंद कोसरे ,सबल बंधे, सोनू बंजारे, चिनेश कोसरे, राहुल टंडन, आकाश टंडन, शुभम कोसरे, जितेंद्र बंजारे, विजय लहरे, हीरामन टंडन हर्ष गायकवाड, यमन कोसरे, प्रेमलाल साहू, गणेश यादव, पुरानिक ठाकुर, रमेश ठाकुर, चंद्रशेखर साहू, बिसौहा वर्मा, राम रतन रिगरी, विजय रिगरी, चैतराम रिगरी, हीरा सिंह ठाकुर, भोलाराम साहू, लता ठाकुर, पूजा ठाकुर, सुधा यादव, सीमा ठाकुर, ललित गोस्वामी, नैना पारधी, गोपाल वर्मा, रेवा ठाकुर, योगिता वर्मा, रमा वर्मा, निर्मला जोशी, बिंदु पाटिल, संतोषी लहरे सहित सभी महिला स्व सहायता समूह एवं ग्रामीण जन उपस्थित रहे।

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