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“महोत्सव जैनधर्म का” राजा कच्छ और महाकच्छ के दरवाजे पहुंची युवराज आदिकुमार की बारात

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• महाराजा नाभिराय के दरबार में युवराज आदिकुमार का हुआ राज्याभिषेक
• 32 मुकुटबद्ध राजाओं ने महाराजा आदिकुमार को भेंट दी
• महाराजा आदिकुमार ने कर्मभूमि के प्रारंभ में षट्कर्मों की शिक्षा देकर सृष्टि का संचालन किया
• ऋषभदेव ने अपनी दोनों पुत्रियों (ब्राह्मी और सुंदरी) को अंक विद्या और लिपि विद्या का ज्ञान दिया
• नृत्यांगना नीराँजना के नृत्य के दौरान मृत्यु को देखकर ऋषभदेव को आया वैराग्य
• लौकांतिक देवों ने उठाई पालकी वन में जाकर ऋषभदेव ने ली जैनेश्वरी दिगम्बर दीक्षा

झांसी (विश्व परिवार)। महानगर के बड़ागांव गेट बाहर अयोध्या नगरी के भव्य पांडाल में मुनिश्री विलोकसागर जी महाराज एवं मुनिश्री विबोधसागर जी महाराज के मंगल सान्निध्य एवं मुख्य प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी संजय भैया एवं सह प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी नवीन भैया के निर्देशन में चल रहे श्री मज्जिनेन्द्र जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत युवराज आदिकुमार की बारात राजा कच्छ श्रीमति सिद्धि – सौरभ जैन सर्वज्ञ और महाकच्छ श्रीमति विनोदकुमारी – रमेश चंद जैन के दरवाजे पहुंची जहां युवराज आदिकुमार के तिलक सम्मान सहित सभी राजा महाराजाओं का स्वागत सत्कार किया गया। महाराजा नाभिराय के स्वरूप में मनोज नायक ने युवराज आदिकुमार का राज्याभिषेक किया गया तत्पश्चात 32 मुकुटबद्ध राजाओं के स्वरूप में दिनेश जैन डीके, रविन्द्र जैन रेल्वे , विनोद जैन ठेकेदार, जितिन जैन अछरौनी, राजेश जैन लाला, मुकेश वीडियो, विशाल सिंघई, सुकमाल जैन, सौरभ जैन बैंक, दिव्यांश सिंघई, आदर्श जैन, यश सिंघई, राजेन्द्र जैन महरौनी, विमल जैन दीनदयाल नगर, मुकेश नायक चिरगांव, ने दरबार में महाराजा के समक्ष भेट समर्पित की। तत्पश्चात महाराजा आदिकुमार ऋषभदेव ने कर्मभूमि के प्रारंभ में सृष्टि के संचालन हेतू असि, मसि, कृषि, विद्या, वाणिज्य, शिल्प की शिक्षा देते हुए अपनी दोनों पुत्रियों ब्राह्मी और सुंदरी को अंक विद्या और साहित्य लिपि का ज्ञान दिया। दरबार में नृत्यांगना नीराँजना के मृत्यु के दृश्य को देखकर संसार को क्षणभंगुर जान वैराग्य धारण कर वन में जाकर दिगम्बर जैनेश्वरी दीक्षा धारण की। नृत्यांगना नीराँजना के रूप में कु.ऐरा जैन और प्रियल जैन ने राज्य दरबार में नृत्य प्रस्तुत किया। लौकांतिक देवों के स्वरूप में हर्ष नायक, शुभम जैन छोटू, शुभम जैरी, आदि को पालकी उठाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर विनीता जैन एसडीएम निवाड़ी एवं मनीषा जैन एसडीएम निवाड़ी का तिलक माल्यार्पण कर अभिनंदन महिला मण्डल की अध्यक्षा श्रीमति सरोज जैन, डॉ राखी जैन, अंजू जैन, कल्पना जैन, सुधा सर्राफ, सविता जैन, श्वेता जैन, मनीषा सिंघई, नेहा जैन, रंजना जैन ने किया। इस अवसर पर इस अवसर पर सौधर्म इन्द्र श्रीमति उषा – रविन्द्र सिंघई, कुबेर इंद्र श्रीमति श्वेता – नितिन जैन, भरत चक्रवर्ती श्रीमति पूनम – संजीव जैन मिनी चिरगांव, महायज्ञनायक श्रीमति कल्पना – अरविन्द जैन कामरेड, बाहुबली श्रीमति कनिका – शशांक जैन, यज्ञनायक श्रीमति प्रिया – प्रतीक जैन, ईशान इन्द्र श्रीमति ममता – जितेन्द्र चौधरी, सानतकुमार इन्द्र श्रीमति रश्मि – गौतम जैन (सुपाड़ी), माहेन्द्र इन्द्र श्रीमति मेघा,- प्रदीप जैन महरौनी, राजा श्रेयांस श्रीमति सुलोचना – सनत नायक, राजा सोम श्रीमति प्रियंका – अमरेन्द्र ड्योढिया, विधिनायक प्रतिमा पुण्यार्जक श्रीमति रंजना – आलोक जैन, महामंडलेश्वर श्रीमति अनीता – इंजी.अनिल जैन, श्रीमति नेहा – अलंकार जैन, श्रीमति अंजू – रवींद्र जैन रेल्वे, श्रीमति प्रभा – दिनेश जैन दीनू, विशेष इंद्र श्रीमति सविता – विनोद जैन ठेकेदार, श्रीमति मनीषा – मनोज सिंघई, श्रीमति निकिता – सजल जैन चैनू, जिनेन्द्र जैन शामयाना, लहर जैन, वीरेन्द्र चौधरी, रमेश चंद्र जैन बिजली, सीए रूपाली जैन, आरती जैन, मेघा जैन सहित अनेकों इन्द्र इंद्राणियों स्वरूप में श्रावक श्राविकाओं ने तप कल्याणक की मांगलिक पूजन के अर्घ समर्पित किए।
इस अवसर पर अवसर पर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के मुख्य मार्गदर्शक अजित जैन, अध्यक्ष संजय सिंघई, कार्याध्यक्ष खुशाल जैन, मुख्य संयोजक दिनेश जैन डीके, स्वाताध्यक्ष रविन्द्र जैन रेल्वे, कार्यक्रम संयोजक विनोद जैन ठेकेदार, परम संरक्षक हुकुमचंद जैन, मुख्य सलाहकार रमेश चंद्र जैन अछरौनी, जिनेन्द्र सर्राफ, प्रदीप जैन चैनू, उपाध्यक्ष वरुण जैन, रविन्द्र जैन चिरगांव, आलोक जैन विश्वपरिवार, कोषाध्यक्ष देवेन्द्र जैन, सह कोषाध्यक्ष कमलेश जैन, ऑडिटर प्रभात जैन, जिनेन्द्र जैन, संयोजकगण शरद जैन, सचिन सर्राफ , दीपांक जैन, विशाल सिंघई ,देवव्रत बब्लू, कमल भूचेरा, अखिल जैन पिंटू, प्रमोद जैन वैरायटी, राजेश जैन लाला, प्रमोद जैन बब्बा, कमलेश जैन कामरेड, सौरभ कामरेड , अनमोल जैन, प्रयास जैन, अंशुल जैन, आयुष जैन सहित सैंकड़ों श्रावक श्राविकाएं उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन आयोजन समिति के महामंत्री सौरभ जैन सर्वज्ञ एवं आभार मंच संयोजक अंकित सर्राफ एवं यश सिंघई ने व्यक्त किया।
• गुरुवार 13 फरवरी को होगी ज्ञान कल्याणक की पूजा
• नगर में निकलेगी भरत चक्रवर्ती की दिग्विजय यात्रा
आयोजन समिति के महामंत्री सौरभ जैन सर्वज्ञ ने बताया कि पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में गुरुवार 13 फरवरी को प्रातः नित्य नियम अभिषेक, शांतिधारा पूजन पश्चात दोपहर में गर्भगृह में ज्ञान कल्याणक की आंतरिक क्रियाओं के साथ मुनिश्री विलोकसागर जी महाराज एवं विबोधसागर जी महाराज के मुखारविंद से भगवान की प्रतिमाओं में सूरीमंत्र दिया जाएगा। दोपहर 1 बजे नगर में भरत चक्रवर्ती की दिग्विजय यात्रा निकाली जाएगी जिसमें आयोजन के मुख्य पात्र हाथी घोड़ों एवं बग्गियों पर सवार होकर हजारों श्रद्धालुओं के साथ निकलेंगे। तत्पश्चात ज्ञान कल्याणक महोत्सव की पूजन सम्पन्न होगी। रात्रि 8 बजे भरत-बाहुबली का संवाद, विवाद एवं वैराग्य के दृश्यों का मंचन किया जाएगा।

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