जयपुर (विश्व परिवार)। इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी और छह विधायकों के निलंबन के विरोध में सोमवार को कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा का घेराव का ऐलान कर दिया। कांग्रेस कार्यकर्ता 22 गोदाम स्थित सहकार भवन के पास जुटे और विधानसभा कूच की तैयारी में हैं। हालांकि, पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और प्रदर्शनकारियों को सहकार भवन से आगे नहीं बढऩे दिया जाएगा।
सडक़ पर बैरिकेडिंग, पुलिस ने बनाई सुरक्षा की दीवार
विधानसभा घेराव को देखते हुए 22 गोदाम सर्किल स्थित भारत पेट्रोल पंप से विधानसभा जाने वाले मार्ग पर दोहरी बैरिकेडिंग की गई है। इसी क्षेत्र में कांग्रेस का मंच भी बनाया गया है, जहां से नेता प्रदर्शनकारियों को संबोधित कर रहे हैं। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को पेट्रोल पंप से पहले ही रोकने की तैयारी कर ली है, जिससे किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
राजनीतिक उठापटक : आखिर क्यों भडक़ी कांग्रेस?
मामले की जड़ में विधानसभा में हुई एक टिप्पणी है। 21 फरवरी को प्रश्नकाल के दौरान सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने इंदिरा गांधी को लेकर टिप्पणी की थी, जिस पर कांग्रेस भडक़ उठी। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने वेल में जाकर हंगामा किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित करनी पड़ी।
सियासी हलचल के 3 अहम पहलू :
हंगामे की शुरुआत : कांग्रेस ने विधानसभा के वेल में उतरकर विरोध जताया।
सदन की कार्यवाही प्रभावित : बार-बार स्थगन के चलते राजनीतिक गतिरोध बढ़ा।
कांग्रेस विधायकों का निलंबन : स्पीकर ने छह कांग्रेस विधायकों को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया।
राजनीतिक गलियारों में इस घटनाक्रम को लेकर हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस इसे भाजपा सरकार की तानाशाही करार दे रही है, जबकि भाजपा का कहना है कि सदन की गरिमा बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस का यह आंदोलन क्या कोई नया राजनीतिक मोड़ लाता है या यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ एक प्रतीकात्मक दबाव तक सीमित रहेगा।