रायपुर (विश्व परिवार)। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आरोपी पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली। उनकी अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को तय की है। इस दौरान कोर्ट ने एसीबी और ईओडब्ल्यू (ईडी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जांच एजेंसियों का आरोप है कि लखमा शराब घोटाले में शामिल एक बड़े सिंडिकेट का अहम हिस्सा थे। उन पर राज्य की शराब नीति बदलने और स्नरु-10 लाइसेंस शुरू करने में अहम भूमिका निभाने का आरोप है। इस लाइसेंस के चलते घोटाले को बढ़ावा मिला। ईडी ने अदालत में कहा कि लखमा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाना चाहिए। लखमा के वकील ने अदालत में दलील दी कि ईओडब्ल्यू ने एफआईआर के आधार पर गिरफ्तारी की है, जबकि वे विधायक हैं। विधायक होने के नाते गिरफ्तारी से पहले सरकारी अनुमति जरूरी थी, लेकिन बिना अनुमति के कार्रवाई की गई। हालांकि, कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया और याचिका खारिज कर दी। इससे पहले, ईओडब्ल्यू कोर्ट ने भी लखमा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही, उनकी न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी गई थी। अब लखमा 18 फरवरी तक जेल में रहेंगे। इस मामले में अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी। कवासी लखमा फिलहाल कोंटा विधानसभा सीट से विधायक हैं। शराब घोटाले में उनकी भूमिका की जांच जारी है। ईडी का कहना है कि लखमा ने राज्य की शराब नीति में बदलाव करके करोड़ों रुपये का घोटाला किया। इस मामले में कई अन्य आरोपी भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। अब सभी की नजरें 13 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जब हाईकोर्ट इस मामले में अपना अगला फैसला सुनाएगा।