इंदौर (विश्व परिवार) – पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी हुई है और सरकार इसे दबाना चाह रही है। स्थानीय कलेक्टर कार्यालय को घेर कर दो घंटे तक बैठे रहे सैकड़ों युवाओं ने यह आरोप लगाया है। सरकार द्वारा भर्ती परीक्षा से चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति रोकने और एसआइटी गठित कर नए सिरे से जांच की मांग की है। प्रदर्शन करने वाले युवाओं ने भीड़ के बीच कुछ प्रवेश पत्रों की प्रतियों को भी लहराया। कुछ उम्मीदवारों के नाम लेते हुए उन्होंने दावा किया कि साफ जाहिर हो रहा है कि भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की गई है।
प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन को युवाओं ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें पटवारी भर्ती से जुड़ी मांगों के साथ अन्य मांगे भी रखी गई। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन ने कहा कि यहां कई लोग ऐसे हैं जिन्हें पटवारी भर्ती परीक्षा में एक-दो नंबरों से बाहर कर दिया गया। ये इसलिए हुए क्योंकि भ्रष्टाचार कर अयोग्यों को चयनित किया गया। परीक्षा के बाद ही सामने आ गया था कि कई मेरिट होल्डरों को सामान्य ज्ञान तक नहीं है और वे पैसे देकर चयन होने की बात कैमरे पर स्वीकार कर चुके हैं। ज्ञापन के बाद सरकार को दो दिन का समय दिया है। इसके बाद मांगे पूरी नहीं हुई तो प्रदेशभर के छात्र भोपाल पहुंचेंगे और अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेंगे।
- सब इंस्पेक्टर के 2000 पदों पर भर्ती हो
- एमपीईएसबी (व्यापमं) द्वारा मंडी इंस्पेक्टर, लेबर इंस्पेक्टर, महिला पर्यवेक्षक व अन्य भर्तियों के लिए कैलेंडर जारी किया जाए
- केंद्र के नकल विरोधी कानून को तत्काल प्रभाव से लागू कर पटवारी परीक्षा में भी उसी अनुसार कार्रवाई हो
- व्यापमं की आनलाइन परीक्षाएं राष्ट्रीय स्तर की आइटी कंपनियों को दी जाए
- रुके हुए परीक्षा परिणाम जारी हो
- मप्र पीएससी की राज्यसेवा परीक्षा 2024 में पद बढ़ाकर 500 किए जाए
- राज्यसेवा मुख्य परीक्षा 2023 में 90 दिन का समय दिया जाए
- ओबीसी आरक्षण विवाद हल कर 87:13:13 के फार्मूले से की जा रही भर्तियां बंद हो शत प्रतिशत पदों पर भर्ती हो
- प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 में काउंसलिंग में भाग ले चुके3300 लोगों को नियुक्तियां दी जाए