- कुलपति ने बजट को सर्वस्पर्शी, समावेशी तथा विकासोन्मुखी बताया
रायपुर (विश्व परिवार)। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने छत्तीसगढ़ सरकार के आम बजट 2025 को सर्वस्पर्शी, समावेशी तथा विकासोन्मुखी बजट बताते हुए कहा कि कि इससे प्रदेश में कृषि के विकास को नई दिशा और गति मिलेगी। डॉ. चंदेल ने कहा कि वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी द्वारा आज सदन में पेश आम बजट 2025-26 में कृषि के विकास और किसानों के कल्याण के लिए अनेक प्रावधान किये गये हैं जिससे राज्य में कृषि के विकास को बढ़ावा मिलेगा। डॉ. चंदेल ने कहा कि इस बजट में कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियां को अन्तर्राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थाओं में शोध हेतु 1 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है, जिससे कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कृषि अनुसंधान संस्थानों में शोध करने का अवसर प्राप्त होगा और छत्तीसगढ़ में कृषि अनुसंधान के वैश्वीकरण में मदद मिलेगी। डॉ. चंदेल ने इस अभूतपूर्व निर्णय के लिए राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है। डॉ. चंदेल ने बजट में नवीन शासकीय कृषि महाविद्यालय मुंगेली की स्थापना हेतु 5 करोड़ रूपये की स्वीकृति हेतु भी राज्य सरकार तथा वित्त मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है।
डॉ. चंदेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष से किसानां द्वारा उत्पादित दलहन एवं तिलहन फसलों की समर्थन मूल्य में खरीदी हेतु प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के अंतर्गत 80 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया जाना निश्चित रूप से किसानों की आय में वृद्धि करने वाला कदम है। इससे दलहन एवं तिलहन उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा और प्रदेश में इन फसलों के रकबे और उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही कृषक समग्र विकास योजना के अंतर्गत धान, गेहूं, रागी, कोदो-कुटकी के साथ ही दलहन, तिलहन फसलों के बीज उत्पादन एवं वितरण के लिए 150 करोड़ रूपये का प्रावधान किया जाना भी स्वागत योग्य निर्णय है। छत्तीसगढ़ में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 20 करोड़ रूपये तथा जैविक उत्पादों की प्रमाणीकरण हेतु 24 करोड़ रूपये का प्रावधान किये जाने से प्रदेश में जैविक कृषि का विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार डिजीटल क्रॉप सर्वे हेतु 40 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है, जिससे कृषि के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
डॉ. चंदेल ने कहा कि कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत वित्तीय बजट में 10 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना के अंतर्गत प्रदेश के 5 लाख 62 हजार भूमिहीन मजदूरां को सालाना 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता देना भी एक अच्छा निर्णय है। बजट में इसके लिए 600 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। कृषि पंपो के निःशुल्क बिजली प्रदाय हेतु 3500 करोड़ रूपये तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 750 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जिससे किसानों किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। गन्ना किसानों को बोनस हेतु 60 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। डॉ. चंदेल ने कहा कि वित्तीय बजट में बागवानी के विकास एवं विस्तार हेतु भी अनेक प्रावधान किये गये हैं जिसके तहत बागवानी मिशन के लिए 150 करोड़ रूपये, खाद्य तेल राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत 30 करोड़ रूपये तथा मसाला फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए 5 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों के खाते में विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग 1 लाख करोड़ रूपये की राशि अंतरित की गई है जिससे प्रदेश के किसानों को बड़ी आर्थिक मदद मिली है।
डॉ. चंदेल ने कहा कि इस वर्ष के बजट की महत्वपूर्ण विशेषता सिंचाई, अधोसंरचना और जल संसाधन प्रबंधन के लिए बढ़ा हुआ आबंटन है जो विशेष रूप से वर्षा आश्रित क्षेत्रों में किसानों के लिए जल उपलब्धता में सुधार सुनिश्चित करेगा। सबसिडी युक्त कृषि इन्पुट, कृषि यंत्रीकरण और फसल विविधिकरण में निवेश उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक साकारात्मक कदम है। इसके अलावा किसान उत्पादक संगठन, कृषि स्टार्टअप और खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों पर विशेष ध्यान दिया गया है जिससे छोटे किसानों को बाजार केन्द्रित कृषि प्रणाली से जोड़ने में मदद मिलेगी। डिजीटल कृषि और स्मार्ट खेती को बढ़ावा देना राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप है और पारंपरिक कृषि पद्धतियों के आधुनिकीकरण में सहायक होगा। डॉ. चंदेल ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों और फूड पार्कों की स्थापना के लिए 17 करोड़ रूपये तथा माइक्रो फूड प्रोसेसिंग उद्यमों के लिए 46 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जो एक अच्छा कदम है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर यह बजट राष्ट्रीय बजट के अनुरूप एक समावेशी और प्रगतिशील बजट है जिससे छत्तीसगढ़ के किसानों को बदलते आर्थिक और पर्यावरणीय परिदृश्य में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक सहयोग मिलेगा।