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धर्म नगरी धरियावद में 9 मार्च को होगी जैनेश्वरी दीक्षा 6 मार्च को श्री चंद्रप्रभु भगवान का निर्वाण कल्याणक पंचामृत अभिषेक के साथ होगा

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धरियाबाद (विश्व परिवार)। आचार्य श्री वर्धमान सागर जी 52 साधु सहित धरियाबाद विराजित हैं कुछ दिनों पूर्व आचार्य श्री शिव सागर जी के समाधि दिवस पर आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने समाज को प्रेरणा दी थी कि श्रावकों को खड़े-खड़े घर से निकलना चाहिए अर्थात संयम दीक्षा धारण करना चाहिए। आचार्य श्री मुख से मंगलमय वाणी भलीभूत हुई ओर नगर के व्यवसाई भरे पूरे परिवार के 76 वर्षीय श्री भंवरलाल सरिया ने 4 मार्च को जैनेश्वरी दीक्षा हेतु श्रीफल अर्पित कर दीक्षा का निवेदन किया 5 मार्च के प्रवचन में आचार्य श्री में 9 मार्च को धरियावद में दीक्षा देने की घोषणा की सारा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट और आचार्य श्री की जय कार से गूंज गया। वीणा दीदी, गज्जू भैया,राजेश पंचोलिया अनुसार 6 मार्च को मूल नायक चंद्रप्रभु भगवान का निर्वाण मोक्ष कल्याणक पर आचार्य वर्धमान सागर जी मुनि श्री पुण्य सागर सहित 52 साधुओं के सानिध्य में नयनाभिराम पंचामृत अभिषेक विभिन्न द्रव्यों से होगा। आचार्य श्री के दर्शन एवं नगर आगमन आगामी चातुर्मास के निवेदन करने अनेक नगरों से प्रतिदिन पंच , श्रद्धालु पधार रहे है इंदौर महानगर में अप्रैल माह में सुमति धाम में आयोजित आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी के आचार्य पट्ट कार्यक्रम में संघ सहित मंगल सानिध्य हेतु श्री मनीष गोधा,श्री नरेन्द्र वेद,श्री प्रदीपबड़जात्या,श्री आदित्य सोनी सहित सैकड़ों भक्त आचार्य श्री के दर्शन आशीर्वाद हेतु धरियावद पधारे।
दीक्षार्थी का सामान्य परिचय।पुत्र श्री गजेन्द्र से प्राप्त जानकारी अनुसार दीक्षार्थी श्री भंवरलाल सरिया का जन्म दिनांक 7/7/1949 धरियावद में हुआ, आपके पिता श्री झमक लाल सरिया जो कि समाधिस्थ मुनि श्री उदय सागर जी रहे। मुनि श्री उदय सागर जी की क्षुल्लक दीक्षा धरियावद में तथा मुनि दीक्षा चावंद में वर्ष 1979 में हुई आपकी समाधि वर्ष 1980 में हुई आपकी माता स्वर्गीय श्रीमती साकर देवी है। आपकी लौकिक शिक्षा 10 तक होकर आप कुशल व्यापारी है।परिवार सहित नगर ने प्रसन्नता है इस अवसर पर हल्दी मेंहदी शोभा यात्रा जुलूस निकाला जावंगा।
75 वर्षीय आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने अभी तक 113 दीक्षाएं दी हैं। आप धरियावद में दूसरी बार दीक्षा देंगे इसके पूर्व श्री मूर्ति मति माताजी को वर्ष 2001में क्षुल्लिका दीक्षा दी थी।
नगर से अनेक साधु धरियाबाद से अभी तक 8 मुनि एवं 4 आर्यिका माताजी पूर्व में 12 साधु हो चुके हैं ।मुनि श्रीउदय सागर जी , श्री सुधर्म सागर जी, श्री प्रवेश सागर जी श्रीसमाधि सागर जी , श्री श्रेयससागर जी,श्री पद्म कीर्ति सागर जी,श्री उदित सागर जी,श्री मुमुक्षु सागर जी,आर्यिका श्री श्रेय मति,श्री उत्साह मति,श्री योगीमती जी, श्री प्रेक्षा मति जी हैं

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