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महान सतीयो ने ऐसी मिसाल कायम की आज भी लोग उन्हें नमन करते हैं-मुनिश्री

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  • महिला दिवस पर माता वहनों दीप प्रज्ज्वलित कर किया अर्घ समर्पित
  • जिनके योगदान से हमारी संस्कृति गौरवान्वित हैं उन्हें हम नमन करते हैं -विजय धुर्रा

अशोक नगर (विश्व परिवार)। सती सीता वन गमन ना वोलकर अयोध्या में ही राजरानी वनकर रह सकती थी मैना सुन्दरी ना बोल कर राज पाठ भोग सकतीं थीं सती सोमा ना बोलकर राज्य सम्पदा भोग राज रानी वनी रहती लेकिन नहीं उन्होंने अपने धर्म को प्राप्त किया अपने धर्म को जीवन में अंगिकार किया यही कारण है कि आज तक उनका यश इस जगत में फैल रहा है आज आप लोग महिला दिवस मना रहे हैं सिर्फ एक दिन दिवस मनाने से काम चलने वाला नहीं है कुछ ऐसा करो कि आपका नाम अजर अमर हो जायें अंजना सती कव गई मन्दिर। सती सीता जी कव आपके जैसे पूजा पाठ में घंटों बैठी रही उन्होंने वह कार्य किया जिसे आज हजारों वर्ष व्यतीत हो गये लेकिन हर जुबान पर सबसे पहले सीता जी का नाम आता है राम के पहले सीता राम बोला जाता है ये है जीवन को यशश्वी बनने की मनुष्य जन्म मिला है तो कुछ ऐसा करो कि आपको भी सती सीता अंजना सती सोमा या मैना सुन्दरी के रूप में जगत याद करें आपकी यशो पताका युगों युगों तक फहराती रहें उक्त आश्य केउद्गार सुभाष गंज में विशाल धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए मुनिश्री अविचल सागर जी महाराज ने व्यक्त किए।
भारतीय संस्कृति को मता बहनों ने अपने योगदान से समृद्ध किया है-विजय धुर्रा
धर्म सभा के दौरान मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने कहा कि आज वुमेन्स डे है हमारी संस्कृति को मता बहनों ने समृद्ध किया है और आज हम सब उन महान सतीयो याद कर रहे हैं जिससे हमारी भारतीय संस्कृति गौरांवित है आधुनिक समय में भी एक से बढ़कर एक महिलाये हुए हैं जिन्होंने अपने देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया चाहे आजादी की लड़ाई हो देश के शीर्ष पद हो प्रधानमंत्री पद को श्री मति इन्दिरा गांधी राष्ट्रपति श्री मति मुर्मू श्री मति इनीविशेन्ट मदर टेरेसा उड़न परी पी टी उषा सहित अन्य हास्तियो ने सभी का सम्मान बढ़ाया है हमारे नगर की बेटियां आज आर्यिका वैराग्य मति आर्यिका अनर्घमति आर्यिका उचित मति आर्यिका श्री समुन्नत मति वनकर देशभर में पैदल विहार करते हुए अहिंसा धर्म का जय घोष कर रही है ।
हम गुरु देव ने सिखाया लोगों के हृदय में प्रेम वात्सल्य जागृत करें
उन्होंने कहा कि हमें परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने ऐसी शिक्षा दी कि हम आत्म सुख के मार्ग पर चलते हुए लोगों के हृदय में प्रेम वात्सल्य की भावना को पैदा करना है उन्होंने कहा कि जैन शासन सिर्फ यश प्राप्त करने के लिए मिला है आज आप चारों दिशाओं से ठग विद्याओं के जानकारो से घीरे हो जीवन में कुछ कमाना है तो वस यश कमाओं।आपके मानस पटल पर जव तक यश प्राप्त करने की भावना बनना है जीवन मिला है धन वान वनने सम्पदा कमाने में इसे यूं ही वरवाद नहीं करना है तुम्हारी धार्मिकता किसको सुख दे रहीं हैं।
एक रात में सब कुछ बदल गया राज सिंहासन वाले वन चले गए
अयोध्या में सायं काल डोडी पिट रही है कल राजाराम को अयोध्या के सिंहासन पर बैठाया जायेगा एक रात में सब कुछ बदल गया कल आपके पति का राज्यभिषेक होने वाले हैं और सुबह होते ही राज्य को त्याग कर जंगल की ओर चल दिया एक शब्द भी नहींनिकला चल दिए पीछे पीछे वे और कोई नहीं सती सीता जी तो थी जिन्हें जगत आज भी बड़े सम्मान के साथ अपने हृदय पटल पर विराजमान करता है इस अवसर पर जैन समाज अध्यक्ष राकेश कासल महामंत्री राकेश अमरोद कोषाध्यक्ष सुनील अखाई सहित अन्य सभी प्रमुख लोगों ने श्री फल भेंट कर आदिनाथ जयंती समारोह के लिए निवेदन किया।

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