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निर्यापक मुनि श्री समता सागर महाराज का संघ मंगल प्रवेश 11 मार्च को रायपुर में

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रायपुर (विश्व परिवार)। निर्यापक मुनि श्री समता सागर महाराज का संघ मंगल प्रवेश 11 मार्च मंगलवार को रायपुर में प्रातः8 बजे डी. डी.नगर से होगा उपरोक्त जानकारी देते हुये राष्ट्रीय प्रवक्ता अविनाश जैन विद्यावाणी एवं स्थानीय प्रचार प्रमुख अतुल जैन गोधा ने बताया मुनिसंघ का रात्री विश्राम मोहन पैलेस में होकर प्रातःकाल 8 बजे डी. डी नगर से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 41 साल बाद मंगलप्रवेश होंने जा रहा है। मुनि श्री समतासागर महाराज की मुनि दीक्षा 1983 में ईसरी में इस युग के महान संत आचार्य गुरुदेव विद्यासागरजी महामुनिराज के कर कमलों से संपन्न हुई थी एवं 1984 में आचार्य श्री संघ के साथ श्री सम्मैदशिखर जी की बंदना से लौटे थे और आज 41 साल बाद पुनः यह शुभ संयोग श्री सम्मेदशिखर जी की तीर्थ बंदना के निमित्त रायपुर बालों को प्राप्त होंने जा रहा है। मुनि श्री ने 10 अप्रेल सोमवार को भिलाई तीन के चरोदा ग्राम में ज्ञानोदय विद्यापीठ और हस्तकर्घा प्रशिक्षण केंद्र के सिलान्यास समारोह अवसर पर सम्वोधित करते हुये कहा
“पेड़ लगाने बाला एक व्यक्ति हुआ करता है,लेकिन जब पेड़ बड़ा हो जाता है,तो उसकी छाया पाने बाले अनेकों व्यक्ति हो जाया करते है,बड़े से बड़े से लक्ष्य की शुरुआत छोटे से रुप में ही शुरु होती है उन्होंने कहा कि आचार्य समन्तभद्रस्वामी ने महाराष्ट्र के एक ग्राम से एक पेड़ के नीचे वैठाकर पांच विद्यार्थियों को पड़ाना शुरू किया था देखते ही देखते वह संख्या बड़ती चली गई तथा उनका परिश्रम रंग लाया और एक बड़े गुरुकुल के रूप में वह आज भी प्रसिद्ध है,इस युग के महान संत आचार्य गुरुदेव विद्यासागरजी महाराज ने अपने संघ की शुरुआत मध्यप्रदेश के सोनागिर सिद्ध क्षेत्र से चार साधकों को क्षुल्लक दीक्षा देकर की थी, देखते ही देखते वह आकार लेता चला गया और आज संपूर्ण देश में एक वृहद रुप में आप सभी के सामने है, मुनि श्री ने कहा कि आज भिलाई 3 में आपने जो सिलान्यास का कार्यक्रम किया है, इसका मुख्य उद्देश्य त्यागीवृतिओं के आहार विहार तथा आबास की व्यवस्था मिले सभी बच्चों को शिक्षा मिले तथा स्वरोजगार केंद्र के रूप में आत्म निर्भरता हेतु हस्तकर्घा प्रशिक्षण केंद्र का प्रकल्प तैयार किया जा रहा है। मुनि श्री ने कहा कि जंहा पर समाज का एक भी घर नहीं है उस स्थान पर समाज के विभिन्न शहरों से सैकड़ो बंधुओं ने आकर ध्वजारोहण एवं सिलान्यास का कार्यक्रम संपन्न किया यह आपकी धार्मिक प्रवत्तियों का तथा आचार्य गुरुदेव के प्रति निष्ठा का परिचायक है। मुनि श्री ने कहा कि जंहा पर समाज का एक भी घर नहीं है उस स्थान पर समाज के विभिन्न शहरों से सैकड़ो बंधुओं ने आकर ध्वजारोहण एवं सिलान्यास का कार्यक्रम संपन्न किया यह आपकी धार्मिक प्रवत्तियों का परिचायक है छत्तीसगढ़ का यह संस्थान की योजना पूज्य गुरुदेव के सामने ही रखी गई थी जिसमें उन्होंने आंशिक सुधार करते हुये अपना आशीर्वाद ढोंगरगड़ के अंतिम चातुर्मास में ही प्रदान कर दिया था यह प्रोजेक्ट अकेले भिलाई या दुर्ग बालों का नहीं है संपूर्ण छत्तीसगढ़ का है इसमें वर्तमान आचार्य समयसागर जी महाराज का भी आशीर्वाद प्राप्त है,इस अवसर पर मुनि पवित्र सागर महाराज ऐलक श्री निश्चयसागर महाराज, ऐलक श्री निजानंद सागर महाराज, क्षुल्लक संयम सागर महाराज के सानिध्य में संघस्थ बाल ब्र. अनूप भैया एवं रिंकू भैया सहयोगी संतोष जैन भिलाई मुनि भक्त सुवोध भुसावल, शेलेष जैन दमोह ने मंत्रोच्चारण के साथ विधी विधान को संपन्न कराया तथा ध्वजारोहण ज्ञानचंद बाकलीवाल द्वारा संपन्न हुआ संत भवन का सिलान्यास श्री मति चेलना बाई मनीत कुमार जैन परिवार नहरुनगर भिलाई द्वारा संपन्न किया गया तथा विद्यालय का सिलान्यास नरेन्द्र जैन गुरुकृपा परिवार ने किया तथा विनोद कुमार कोयला,श्री मति ऊषा अनिल जैन दुर्ग, सहिततथा अनेक बंधुओं ने अपने दान की घोषणा की।कार्यक्रम की संयोजना प्रशांत जैन भिलाई के द्वारा तैयार की गई इस अवसर पर रायपुर,वैशाली नगर,राजनांद गांव,दुर्ग डोंगरगड़ के श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे प्रवक्ता अविनाश जैन विद्यावाणी ने बताया मुनिसंघ का मंगल विहार भिलाई 3 से होकर रात्री विश्राम मोहन पैलेस में हुआ प्रातःकाल विहार होकर 8 बजे डी डी नगर से मंगल आगवानी की जाऐगी एवं डी. डी.नगर दि. जैन मंदिर में मुनि श्री संघ की मंगल देशना तथा 10 बजे से आहार चर्या संपन्न होगी। मध्यान्ह में मुनिसंघ का विहार दि. जैन बड़ा मंदिर मालवीय रोड़ के लिये होगा।

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