- संस्कार – संघर्षपूर्ण जीवन जीता है लोक कलाकार -विजय मिश्रा
रायपुर (विश्व परिवार)। सूरज ट्रस्ट के बैनर तले अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भरथरी गायिका सूरज बाई खांडे स्मृति समारोह का आयोजन किया गया। मोती बाग प्रेस क्लब के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक क्रांति लाने वाली संस्था चंदैनी गोंदा के प्रथम उद्घोषक डॉ सुरेश देशमुख थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ी लोक कलाओं में आ रही विकृति के प्रति चिंता व्यक्त की तथा नई पीढ़ी को सचेत किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ लोक हिंदी रंगकर्मी विजय मिश्रा ‘अमित’ ने भरथरी गायिका सूरुज खांडे के जीवन में आए उतार-चढ़ाव की अभिव्यक्ति दी। उन्होंने कहा लोक कलाकार का जीवन संस्कृति- संस्कारों के लिए समर्पित होता है, किन्तु सदैव संघर्षपूर्ण रहता है। संघर्षों से जूझकर ही सफलता और प्रसिद्धि अर्जित की जा सकती है। इसी क्रम में लोक गायिका कविता वासनिक और भरथरी गायिका रेखा जल क्षत्रीय ने भजन,भरथरी गायन करके श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
सूरज ट्रस्ट की अध्यक्षा दीप्ति ओगरे ने संस्था के उद्देश्य, भरथरी के प्रचार प्रसार हेतु किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध कवि मीर अली मीर, अशोक तिवारी, उदयभान चौहान, आर के सोनी,मनोज पाठक सहित बड़ी संख्या में भरथरी प्रेमियों की उपस्थिति रही। सूरूज ट्रस्ट की ओर से लोककला के उत्थान हेतु सुरेश देशमुख, विजय मिश्रा ‘अमित’,कविता वासनिक,रेखा जलक्षत्रीय को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के उभरते ग्यारह भरथरी कलाकार किरण शर्मा, प्रांजल राजपूत, हिमानी वासनिक, मंजू- गुंजन- दुर्गा साहू, योगेश यादव, खिलेश्वरी यादव, हेमलता पटेल, सावित्री कहार को प्रशस्ति पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम के संचालक आसकरण जोगी ने बताया कि आगामी 12 जून 2025 को सूरज बाई खांडे जयंती समारोह का आयोजन बस्तर में किया जाएगा।